पंजाब के पूर्व चीफ सेक्टरी वीके जंजुआ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने उपर लगे आरोपों को नकार दिया है। उन्होंने कहा मेरे खिलाफ जो केस हुआ है उसके सबूत 2010 और 2012 में दे दिये थे। यह झूठा मामला था। 8 साल मैंने कानूनी लड़ाई लड़ी। जिसके बाद जजमेंट आई जिसमें कहा गया कि यह मामला एक आपराधिक षड्यंत्र है।
आपको बता दे कि जंजुआ खिलाफ अकाली-भाजपा सरकार के वक्त केस दर्ज हुआ था। वीके जंजुआ को डायरेक्टर इंडस्ट्रीज रहते हुए 9 नवंबर 2009 को कथित तौर पर 2 लाख रिश्वत लेते हुए विजिलेंस ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था। यह रकम लुधियाना के एक कारोबारी से लेने का दावा किया गया था। उसी दिन जंजुआ के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें पद से हटा दिया गया। IAS अफसर होने की वजह से उन पर केस चलाने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी नहीं ली गई थी। विजिलेंस ब्यूरो ने उनके खिलाफ केस की आगे पैरवी करने से इनकार कर दिया था।