जालंधर। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने शनिवार को राज्य में 165 और आम आदमी क्लीनिक पंजाब निवासियों को समर्पित किए जिससे पंजाब भर में कुल 829 क्लीनिकों के कार्यशील होने से नई स्वास्थ्य क्रांति का आगाज हुआ। दोनों मुख्यमंत्रियों ने लोगों को मानक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ आज यहां क्लीनिकों को समर्पित किया। पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री मान ने कहा कि इससे अब राज्य में 829 आम आदमी क्लीनिक लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए कार्यशील हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को समर्पित किए गए यह क्लीनिक उनके लिए वरदान साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक राज्यभर में 1 करोड़ से अधिक मरीज इन आम आदमी क्लीनिकों से इलाज करवा चुके हैं।
मान ने बताया कि इन क्लीनिकों में कुल 41 किस्म के जांच टैस्ट मुफ्त किए जा रहे हैं। मान ने कहा कि इन क्लीनिकों ने राज्य के स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में क्रांति ला दी है क्योंकि इन क्लीनिकों में रोजमर्रा के आने वाले 95 प्रतिशत से अधिक मरीज अपनी बीमारियों से ठीक हो जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में ऐतिहासिक दिन है क्योंकि आज 165 आम आदमी क्लीनिक लोगों को समर्पित किए गए हैं और आने वाले दिनों में ऐसे और क्लीनिक समर्पित किए जाएंगे। मान ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली क्षेत्र में दिल्ली सरकार की पहलकदमियों को पंजाब में भी दोहराया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक सभा उप चुनाव के दौरान जालंधर के लोगों ने हमारे हक में बड़ा जनादेश दिया था और इसके बाद शहर के विकास को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर यत्न किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिले में 283 करोड रुपए के विकास कार्य आरंभ किए जा चुके हैं और कई और भी प्रक्रि या अधीन हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य की सभी 13 सीटें जीतने के बाद राज्य के संसद मैंबर केंद्र सरकार को राज्य के किसी भी फंड पर रोक नहीं लगाने देंगे। मुख्यमंत्री ने आरडीएफ और एनएचएम के तहत फंड रोकने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की जिससे राज्य के विकास को खतरे में डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से 8000 करोड़ रुपए से अधिक के फंडों को गलत तरीके के साथ रोक दिया गया है, जोकि राज्य के साथ सरासर बेइंसाफी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र सरकार को आने वाले लोक सभा मतदान में हरा कर उनको सबक सिखाना चाहिए।