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फैसला आज… सुखबीर को मिलेगा पंथक राजनीति का साथ!

Decision on Sukhbir Badal : बीते 93 दिन से पांच सिंह साहिबान द्वारा दी जाने वाली सजा का इंतजार कर रहे शिअद (बादल) के अध्यक्ष तन्खाईया सुखबीर बादल की पंथक राजनीति के भविष्य का फैसला आज हो जाएगा। 30 अगस्त को 5 सिंह साहिबान की बैठक में सुखबीर बादल को शिअद सरकार के समय की.

Decision on Sukhbir Badal : बीते 93 दिन से पांच सिंह साहिबान द्वारा दी जाने वाली सजा का इंतजार कर रहे शिअद (बादल) के अध्यक्ष तन्खाईया सुखबीर बादल की पंथक राजनीति के भविष्य का फैसला आज हो जाएगा। 30 अगस्त को 5 सिंह साहिबान की बैठक में सुखबीर बादल को शिअद सरकार के समय की गई पंथक गलतियों के आरोप में तन्खाईया घोषित किया गया था।

सुखबीर बादल सहित तत्कालीन मंत्रियों, कोर कमेटी सदस्यों के साथ-साथ भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा पर भी फैसला हो जाएगा। बैठक में श्री अकाल तख्त साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह, तख्त श्री पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह व तख्त श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह द्वारा दिए स्पष्टीकरण पर फैसला होगा।

शिअद के अस्तित्व को देख होगा फैसला!
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह व तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कई बार कहा है कि सिखों की एक मात्र राजनीतिक पार्टी शिअद को मजबूत करने की जरूरत है। सभी अकाली एकजुट होकर पंथ-पंजाब की सेवा करें।

सिंह साहिबान के इस बयान से लगता है कि आज की बैठक में पांच सिंह साहिबान ऐसा कोई फैसला नहीं करेंगे। जिससे, शिअद के अस्तित्व को ही खतरा पैदा हो जाए। बादल परिवार दो बार पश्चाताप के लिए श्री दरबार साहिब में जोड़ों की सेवा, जूठे बर्तनों की सेवा व अन्य धार्मिक सेवा निभा चुके हैं। इस सेवा में प्रकाश सिंह बादल भी शामिल हुए थे।

फैसले में देरी से शिअद को हुआ राजनीतिक नुक्सान
सुखबीर बादल ने तन्खाईया घोषित होने के एक दिन बाद गलतियां स्वीकार करते हुए श्री अकाल तख्त साहिब के आगे नतमस्तक हुए थे। इसके बावजूद भी ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर बादल को दी जाने वाली सजा के लिए पांच सिंह साहिबान की बैठक बुलाने के लिए 3 महीने से अधिक का समय लगा दिया। जिस कारण शिअद ने प्रदेश विधानसभा के 4 उपचुनाव न लड़ने का फैसला किया।

वहीं, इस मुद्दे पर जल्द से जल्द फैसला करने के लिए श्री अकाल तख्त साहिब को 3 पत्र लिखे। कार्यवाहक अध्यक्ष बलविंदर सिंह भुंदड़ सहित एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने ज्ञानी रघबीर सिंह के साथ बंद कमरों में मुलाकात भी की।

ज्ञानी रघबीर सिंह ने सिख विद्वानों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की। विद्वानों ने अपनी राय लिखित रूप में ज्ञानी रघबीर सिंह को सौंपी। इस बैठक के बाद ज्ञानी रघबीर सिंह ने सिख संगठनों, सांप्रदायों के साथ भी बैठक करने की घोषणा की थी। लेकिन, ज्ञानी रघबीर सिंह ने इस घोषणा पर अमल नहीं किया। जिससे सुखबीर बादल को राहत मिली, अन्यथा पांच सिंह साहिबान की बैठक बुलाने में और देरी हो सकती थी।

आज लिए गए फैसले पांच सिंह साहिबान की कार्यशैली का भविष्य तय करेगी
आज की बैठक में सुखबीर बादल सहित अन्य अकाली नेताओं पर होने वाले धार्मिक फैसले पांच सिंह साहिबान की कार्यशैली का भविष्य तय करेगी। पंथक संगठन आरोप लगाते रहे है कि बादल परिवार ने श्री अकाल तख्त साहिब पर कब्जा कर लिया है। अकाल तख्त साहिब के फैसलों पर बादल परिवार का दखल होता है।

सुखबीर बादल के मुद्दे पर जिस प्रकार देरी की गई है, इससे कुछ हद तक संकेत देने की कोशिश की गई है कि श्री अकाल तख्त साहिब आजाद हस्ती के तौर पर फैसले करता है। पांच सिंह साहिबान किसी भी सिख को धार्मिक सजा देने पर फैसला लेने के लिए आजाद है।

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