अमृतसर: सिटी पुलिस के सीआईए स्टाफ के नाम पर एक घर में दाखिल होकर लाखों रु पए की रकम लूटने के मामले में पूर्व इंस्पैक्टर सुरेंद्र मोहन पुलिस को कई दिनों से वांटेड था बुधवार को सुरेंद्र मोहन की गिरफ्तारी जिला कचहरी परिसर से की गई है। इससे पहले उसके साथी मौजूदा एएसआई गुरजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया। इस समय गुरजीत सिंह जेल में है। गुरजीत सिंह और उसके साथी पूर्व इंस्पेक्टर सुरेंद्र मोहन का विवादों से पुराना नाता है। इस बार गुरजीत सिंह को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। उसे पुलिस विभाग से बर्खास्त कर दिया गया है। बोबी निवासी गली नंबर 14 दशमेश नगर जोड़ा फाटक ने पुलिस को बताया है कि 1 फरवरी की शाम को 5 बजे का समय था। वह अपने घर में मौजूद थे।
किसी ने उनके घर का दरवाजा खटखटाया। उनकी भतीजी आंचल 11 साल की है। आंचल ने जब दरवाजा खोला तो बाहर खड़े लोगों ने खुद को पुलिस वाले बता कर तलाशी लेने के लिए कहा। जबरदस्ती घर में दाखिल हुए। अल्मारी में रखे 1 लाख 60 हजार रुपए लेकर फरार हो गए। उनके घर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। उन्होंने कैमरों की फुटेज जब किसी को दिखाई तो पता चला कि पूर्व इंस्पैक्टर सुरिंदर मोहन रिटायर होने के बावजूद तलाशी लेने के बहाने दाखिल हुआ है। उसके साथ एएसआई गुरजीत सिंह और कुछ अज्ञात लोग थे। उन्होंने इस मामले की सूचना पुलिस अधिकारियों को दी। पुलिस द्वारा थाना मोहकपुरा में सुरिंदर मोहन, एएसआई गुरजीत सिंह और तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया।
एएसआई गुरजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि अन्य तीन आरोपी पुलिस वाले नहीं थे। दूसरी तरफ आरोपी पूर्व इंस्पैक्टर सुरिंदर मोहन भी अपना मोबाइल फोन बंद कर भूमिगत हो गया। बुधवार को किसी ने उसे कचहरी परिसर में देखा तो तुरंत 112 पर सूचना दी इसके बाद थाना मोकमपुरा के इंचार्ज वहां पर पहुंचे और सुरेंद्र मोहन को गिरफ्तार कर लिया। सुरेंद्र मोहन को गिरफ्तार करवाने वाला भी उसी का पीड़ित निकला। नौकरी के दौरान सुरेंद्र मोहन ने जमकर भ्रष्टाचार किया। नशा बिकवाया और लोगों के साथ वर्दी की आड़ में धक्केशाही की है।