‘सरकार-व्यापार मिलनियां’ राज्य की आर्थिक प्रगति को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी: मान

जालंधर: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मंगलवार को कहा कि ‘सरकार-व्यापार मिलनियों’ में व्यापारियों और उद्योगपतियों की सक्रिय भागीदारी से यह मिलनियां राज्य की आर्थिक प्रगति को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मील का पत्थर साबित होंगी। यहां सरकार-व्यापार मिलनी के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सरकार-व्यापार मिलनी का उद्देश्य लोगों.

जालंधर: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मंगलवार को कहा कि ‘सरकार-व्यापार मिलनियों’ में व्यापारियों और उद्योगपतियों की सक्रिय भागीदारी से यह मिलनियां राज्य की आर्थिक प्रगति को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मील का पत्थर साबित होंगी। यहां सरकार-व्यापार मिलनी के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सरकार-व्यापार मिलनी का उद्देश्य लोगों का कल्याण सुनिश्चित करना है। मान ने लोगों से अपील की कि वह राज्य के हितों के साथ हो रहे धोखे के खिलाफ बोलने और काम करने वाले सांसदों को चुनें, न कि चुप रहने वालों का चुनाव करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब पंजाब का उद्योग नष्ट हो गया और राज्य के किसान काले कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे, तो यह सांसद चुप क्यों रहे। मान ने कहा कि ये नेता पंजाब के लिए अहम समय पर चुप रहे, जिसके कारण वे लोगों की वोटों के हकदार नहीं हैं और उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाना चाहिए ताकि केवल समर्पित और वचनबद्ध लोग ही संसद के लिए चुने जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के खजाने का एक-एक पैसा लोगों के कल्याण के लिए खर्च कर रही है। मान ने कहा कि विकास कार्यों की गति को जारी रखने के लिए सभी 13 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी के हाथों को मजबूत करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह 13 सांसद अपने चुनाव के बाद राज्य के विकास को गति देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने सभी संवैधानिक मूल्यों और जनता के फतवे का उल्लंघन कर लोकतंत्र का मजाक उड़ाया है। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में लोगों का फतवा भाजपा के खिलाफ गया, वहां चुने हुए प्रतिनिधियों को खरीद कर सरकारों को भंग करने का प्रयास किया।

उन्होंने कहा कि पिछले 25 सालों में राज्य में 2 लोग सत्ता में रहे हैं, लेकिन उनमें से किसी ने भी आम आदमी के हित के लिए बात नहीं की। उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने आम लोगों का खून चूसकर महल और होटल बनाए। मान ने कहा कि इन नेताओं को केवल अपने निजी लाभ की चिंता थी, जिसकी वजह से उन्होंने पैसा कमाने के लिए राज्य के हर व्यवसाय पर कब्जा कर लिया। मोगा में भी सरकार व्यापार मिलनी हुई।

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