HC ने पुलिस कस्टडी में महिला की मौत की जांच CBI को सौंपी

लुधियाना: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बहुचर्चित मामले में सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता की याचिका को मंजूर करते हुए केस की जांच सीबीआई को सौंप दी है। याचिकाकर्ता की ओर से यह कहा गया था कि उस पर पुलिस थाना दुगरी की ओर से एक झूठा मामला दर्ज किया गया था। मामले के दौरान पुलिस.

लुधियाना: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बहुचर्चित मामले में सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता की याचिका को मंजूर करते हुए केस की जांच सीबीआई को सौंप दी है। याचिकाकर्ता की ओर से यह कहा गया था कि उस पर पुलिस थाना दुगरी की ओर से एक झूठा मामला दर्ज किया गया था। मामले के दौरान पुलिस की ओर से उसे और उसकी मंगेतर रमनदीप कौर को पुलिस थाना दुगरी की ओर से गिरफ्तार किया गया था। उसे और उसकी मंगेतर को पुलिस थाना दुगरी की ओर से 3 अगस्त 2017 को गैर-कानूनी तरीके से गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तारी के बाद याचिकाकर्ता और उसकी मंगेतर से पुलिस की ओर से थर्ड डिग्री टॉर्चर किया गया, जिसके चलते उसकी मंगेतर रमनदीप कौर की मृत्यु हो गई। पुलिस ने खानापूर्ति करने के लिए यह मामला आत्महत्या का बना दिया। याचिकाकर्ता के वकील गुरप्रीत सिंह सैनी ने बताया कि उन्होंने इस मामले में उच्च अधिकारियों के साथ-साथ न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाया, जिससे मृतक और याचिकाकर्ता मुकुल गर्ग को भी इंसाफ मिल सके।

जब कहीं से भी कोई इंसाफ न मिला तो उन्होंने सीबीआई, पंजाब सरकार, पुलिस कमिश्नर लुधियाना, तत्कालीन एसीपी नवीन कुमार, तत्कालीन एसएचओ दलबीर सिंह, तत्कालीन एडीसीपी इंडस्ट्रियल कुलदीप शर्मा, तत्कालीन एसीपी रूपिंदर कौर भट्टी, लेडी कांस्टेबल अमनदीप कौर, लेडी कांस्टेबल रजवंत कौर, कांस्टेबल अर्षप्रीत सिंह और कांस्टेबल जसकीरत सिंह के विरूद्ध हाईकोर्ट में केस दायर किया। इस मामले में मानव अधिकार आयोग की ओर से भी स्वात संज्ञान लेते हुए पुलिस कमिश्नर लुधियाना और जिला व सैशन जज लुधियाना को जांच करने के लिए कहा गया था, जिसके चलते इस मामले की इंक्वायरी न्यायिक अधिकारी की ओर से की गई।

इसके अलावा पुलिस की ओर से सिट बनाकर इस मामले की इंक्वायरी की गई। पुलिस की ओर से इस मामले में लीपापोती करने के लिए एक लापरवाही का मामला दलबीर सिंह और तीन अन्य कर्मचारियों पर डाल दिया गया। सिट की ओर से दायर रिपोर्ट से माननीय हाईकोर्ट संतुष्ट न हुई। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सिट ने तथ्यों को छुपाने की कोशिश की है और सबूत के साथ छेड़छाड़ भी की है।

पुलिस थाना दुगरी में रमनदीप कौर की अप्राकृतिक मौत होने के कारणों का कभी कोई ठोस जवाब नहीं दे पाई। इसके अलावा भी पुलिस की ओर से पेश की जाने वाली कहानी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मेल नहीं खाती है। तमाम तथ्यों को देखने के उपरांत एक निष्पक्ष जांच के लिए यह मामला हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंप दिया है और अपने आदेश में यह कहा है कि सीबीआई तीन महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देने की कोशिश करे।

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