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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114जालंधर। शहर में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ (ईव टीजिंग) के बढ़ रहे मामलों से निपटने के लिए जारी कार्रवाई के दौरान पुलिस कमिश्नर (CP) स्वपन शर्मा की अगुवाई में जालंधर कमिश्नरेट पुलिस ने तीन माह में ऐसे अपराधों के खिलाफ 8 मामलों में प्रीवेंटिव एक्शन लेने के साथ-साथ 284 चालान, 80 वाहन जब्त एवं 18 मामलों में अभिभावकों से काउंसलिंग की है। यह पहल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) पंजाब गौरव यादव के स्ट्रीट क्राइम के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेशों के पालन के तहत की गई है।
सीपी स्वपन शर्मा ने बताया कि जालंधर कमिश्नरेट पुलिस ने महिलाओं से छेड़छाड़ करने वाले तत्वों पर नकेल कसने के लिए पिछले तीन माह में 150 से अधिक चेक प्वाइंट स्थापित किए हैं। उन्होंने बताया कि शहर में महिलाओं से छेड़छाड़ की समस्या से निपटने के लिए अपनी किस्म की नई एवं कारगर रणनीति तैयार की है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर 112 पर प्राप्त हुईं कम से कम 28 शिकायतों का निपटारा किया है और स्कूलों, कॉलेजों और भीड़-भाड़ वाले इलाकों के करीब बिना किसी कारण घूमने वाले व्यक्तियों के चालान भी किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि विश्लेषण के अनुसार छेड़छाड़ की घटनाएं आम तौर पर देर शाम 7 बजे से रात 9 बजे के बीच होती हैं, लेकिन शैक्षणिक संस्थानों का हब होने के कारण जालंधर में ऐसी घटनाएं स्कूल और कॉलेज के समय के बाद आमतौर पर दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे के बीच भी रिपोर्ट की गई हैं। सीपी स्वपन शर्मा ने बताया कि एक्शन प्लान में ईव टीजि़ंग की घटनाओं की निगरानी और रोकथाम के लिए पूरे शहर में नाकों को लगाना शामिल है। उन्होंने कहा कि स्कूलों, कॉलेजों, संस्थानों और अन्य भीड़-भाड़ वाली जगहों पर विशेष ध्यान देने के लिए स्पेशल टीमें बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि जालंधर कमिश्नरेट पुलिस ने ईव टीजि़ंग के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि 1970 के दशक से भारत में सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की बढ़ती घटनाओं के साथ, ईव टीजि़ंग बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे डर का माहौल पैदा होता है, जिससे महिलाओं की मनोवैज्ञानिक स्थिति और व्यक्तिगत सुरक्षा की भावना प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि लिंग समानता पर शिक्षा की कमी और मीडिया में महिलाओं की ऑब्जेक्टिफिकेशन ऐसे सामाजिक रवैये को जन्म देते हैं जो महिलाओं के लिए परेशानी का कारण बनता है।
सीपी स्वपन शर्मा ने कहा कि स्कूलों/कॉलेजों/संस्थानों में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने और लिंग समानता पर केंद्रित सामुदायिक कार्यक्रमों के जरिए लोगों को जागरूक करने के लिए सहायक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा को और प्रभावी बनाने के लिए पुलिस की मौजूदगी बढ़ाई गई है, निगरानी बढ़ाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं और संवेदनशील क्षेत्रों में नियमित गश्त की जा रही है। उन्होंने कहा कि आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली वाहन दिन में स्कूलों के पास और रात को भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में तैनात रहते हैं।
सीपी स्वपन शर्मा ने लोगों से सहयोग की मांग करते हुए उन्हें ऐसे अपराधों की रिपोर्ट तुरंत 112, 1091 और 1098 जैसे जारी हेल्पलाइन नंबरों पर करने की अपील की, ताकि ऐसे अपराधों के पीडि़तों को तुरंत सहायता प्रदान की जा सके।
उल्लेखनीय है कि लोगों ने जालंधर कमिश्नरेट पुलिस की इस पहल की सराहना की और पुलिस को समर्थन की हुंकार भरी। इसके साथ ही महिलाओं ने ईव टीजि़ंग के प्रति अपनी चिंताओं और अनुभव साझा किए। मौके पर मौजूद एक शिक्षिका प्रिय शर्मा ने सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं को पेश आ रही चुनौतियों को उजागर किया और इनके समाधान के लिए सख्त उपायों की जरूरत पर जोर दिया।