बठिंडा के लेहरा मोहब्बत में मौजूद गुरू हरगोबिंद थर्मल प्लांट का ईएसपी बर्बाद होने से करोड़ों का नुक्सान

बठिंडा के लेहरा मोहब्बत में मौजूद गुरू हरगोबिंद थर्मल प्लांट के इलेक्ट्रो स्टेटिक प्रिसिपीटेटर के बर्बाद होने के मामले में विजिलेंस जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार, विजिलेंस व अन्य को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है याचिका दाखिल करते हुए.

बठिंडा के लेहरा मोहब्बत में मौजूद गुरू हरगोबिंद थर्मल प्लांट के इलेक्ट्रो स्टेटिक प्रिसिपीटेटर के बर्बाद होने के मामले में विजिलेंस जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार, विजिलेंस व अन्य को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है

याचिका दाखिल करते हुए एडवोकेट एचसी अरोड़ा ने बताया कि थर्मल प्लांट का कार्य टैंडर के माध्यम से कंपनियों को दिया जाता है। 2015 से 16 तक यह कार्य देश की नामी कंपनियां कर रही थींं लेकिन पीएसपीसीएल ने इसके बाद नियमों में रियायत दे दी और इसके चलते स्थानीय कॉनट्रेक्टरों ने प्लांट के संचालन का प्रबंधन का जिम्मा संभाल लिया

इसके बाद ईएसपी में लगातार राख जमा होने लगी जिसका सही प्रकार से प्रबंधन नहींं किया गया. सही प्रबंधन न होने के चलते ईएसपी बर्बाद हो गया और प्लांट से उत्पादन रुक गया। इस मामले में जांच के लिए कमेटी गठित की गई और इसकी रिपोर्ट के अनुसार सरकार और पीएसपीसीएल को करीब 2.4 करोड़ा रुपये का नुक्सान हुआ।

कमेटी ने माना कि विशेषज्ञों को रखने के स्थान पर ठेकेदार ने स्थानीय लेबर को राख के प्रबंधन का जिम्मा सौंपा जिन्हें इस काम का कोई अनुभव नहीं था राख लगातार जमा होती रही जिसकेचलते यूनिट 2 की ईएसपी ध्वस्त हो गई।

याची ने कहा कि इस रिपोर्ट के बावजूद सरकार या पीएसपीसीएल ने किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहींं की है। ईएसपी खराब होने से करीब 2.4 करोड़ का नुक्सान तो हुआ ही है साथ ही नई ईएसपी के निर्माण पर करोड़ों का खर्च भी सरकार पर बोझ के रूप में पड़ा है

याची ने कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव को मांगपत्र दिया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.हाईकोर्ट ने याची पक्ष की दलीलें सुनने के बाद विजिलेंस जांच की मांग पर पंजाब सरकार सहित सभी पक्षों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है

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