चंडीगढ़: वार्ड नंबर 10 से पार्षद भाजपा की हरप्रीत कौर बबला चंडीगढ़ की नई मेयर बन गईं। क्रॉस वोटिंग ने बहुमत होते हुए गठबंधन आप-कांग्रेस का खेल बिगाड़ दिया। बबला ने गठबंधन की उम्मीदवार प्रेम लता को हराया। हरप्रीत बबला को 36 में से कुल 19 वोट मिले, इनमें 16 पार्षदोंे की भाजपा के खाते में विपक्ष के तीन वोट आए। दूसरी तरफ प्रेमलता के खाते में 17 वोट आए। इस जीत के साथ ही भाजपा की निगम में फिर से वापसी हो गई। यह क्रम पिछले वर्ष टूट गया था। कांग्रेस-आप और भाजपा के बीच इस चुनावी रण में भाजपा की रणनीति और क्रॉस वोटिंग ने खेल पलट दिया।
हरप्रीत कौर बबला की यह जीत भाजपा के लिए एक बड़ी राजनीतिक उपलब्धि मानी जा रही है। वहीं, क्रास वोटिंग का खेल सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में भी देखने को मिला। हालांकि यहां पर कहानी उल्ट रही। सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद कांग्रेस के जसबीर सिंह बंटी और तरुणा मेहता काबिज होने में सफल रहे। जसबीर बंटी को 19 वोट पड़े जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी भाजपा की बिमला दुबे को 17 वोट मिले। यानि एक वोट गठबंधन की ओर से ही क्रॉस हुआ। यही स्थिति डिप्टी मेयर चुनाव में भी रही। डिप्टी मेयर के मुकाबले में पार्षद तरुणा मेहता को 19 और उनके प्रतिद्वंद्वी भाजपा पार्षद लखबीर बिल्लूू को 17 वोट मिले। गठबंधन का 20 वोट का बहुमत हवा-हवाई साबित हुआ। 16 पार्षदों की बीजेपी संधेमारी करने में सफल रही।
वहीं, भाजपा के सभी पार्षदों में एकजुटता दिखी। कोई भी वोट इनवैलिड नहीं हुआ। केवल मेयर चुनाव की बात की जाएं तो चंडीगढ़ में वर्तमान में कुल 35 पार्षद हैं। जहां भाजपा के इस समय पार्षद वोटों की संख्या 16 थी। जबकि आम आदमी पार्टी के पास 13 पार्षद हैं। वहीं कांग्रेस के पास 6 पार्षद हैं, साथ ही इस बार कांग्रेस के पास एक नगर सांसद मनीष तिवारी की वोट भी थी। इस तरह से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के पास कुल 20 वोट थे जबकिं भाजपा के पास 16 वोट थे । बहुमत से चुनाव जीतने के लिए 19 वोटों की जरूरत थी। गठबंधन से क्रॉस वोट ने हरप्रीत बबला को मेयर कुर्सी दिला दी।