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शंभू बॉर्डर पर किसानों की महापंचायत आज

राजपुरा: शंभू बॉर्डर पर वीरवार को होने वाली किसान महापंचायत के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर की अगुवाई में किसान नेताओं की एक अहम बैठक हुई, जिसमें महापंचायत की आयोजन की सभी आवश्यक तैयारियों की समीक्षा की गई। बैठक में लंगर, पानी, पाकिर्ंग, मंच संचालन सहित सभी व्यवस्थाओं पर विस्तृत.

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राजपुरा: शंभू बॉर्डर पर वीरवार को होने वाली किसान महापंचायत के लिए तैयारियां जोरों पर हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर की अगुवाई में किसान नेताओं की एक अहम बैठक हुई, जिसमें महापंचायत की आयोजन की सभी आवश्यक तैयारियों की समीक्षा की गई। बैठक में लंगर, पानी, पाकिर्ंग, मंच संचालन सहित सभी व्यवस्थाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। पंधेर ने सभी किसान-मजदूर संगठनों और आम जनता से अपील की कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में शंभू बॉर्डर पर पहुंचकर इस महापंचायत को सफल बनाएं। उनका कहना था कि यह महापंचायत किसानों के अधिकारों की लड़ाई को मजबूती देने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इसका असर पूरे देश पर पड़ेगा।

साथ ही, उन्होंने सभी को शांति और सौहार्द के साथ कार्यक्रम में शामिल होने का आह्वान किया। बैठक के दौरान महापंचायत स्थल की तैयारियों का जायजा लिया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि सभी जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। लंगर की व्यवस्था से लेकर पानी और पाकिर्ंग की व्यवस्था तक, हर पहलू पर चर्चा की गई। किसान नेताओं का कहना है कि शंभू बॉर्डर पर होने वाली यह महापंचायत एक ऐतिहासिक कार्यक्रम साबित होगी, जिसमें किसान अपनी मांगों को और अधिक मजबूती से उठाएंगे। इस महापंचायत के माध्यम से किसानों को एकजुट करने का प्रयास किया जाएगा ताकि उनकी आवाज को सत्ता तक पहुंचाया जा सके।

वहीं बुधवार को चंडीगढ में रखी किसान एकता वार्ता से जारी किए अपने ब्यान में जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा गैर-राजनीतिक मोर्चे की तरफ से यह कहा जा रहा है कि उनके साथ विचार विमर्श के बिना यह बैठक रखी गई है, जबकि उन्होंने दो बार मोर्चे को पत्र लिखा और बैठक में आने का निमंत्रण दिया। इस बैठक में शंभू मोर्चे पर डटे किसान मजदूर मोर्चा के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सरवण सिंह पंधेर की अगुवाई में हिस्सा लिया। वहीं किसान नेता पंधेर द्वारा चंडीगढ़ में मौजूद सभी किसान नेताओं को ज्यादा से ज्यादा संख्या में शंभू बोर्डर पर पहुंचने व सभी किसान मजदूरों को साथ लाने का भी आह्वान किया।

इसके साथ ही चंडीगढ़ किसान एकता वार्ता में मौजूद सभी किसान नेताओं ने पंजाब सरकार से मांग की कि वे केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे नए खेती मंडीकरण नीति के मसौदे के खिलाफ विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर प्रस्ताव पारित करे। इस अवसर पर बलबीर सिंह राजेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, सरवण सिंह पंधेर, लखविंदर सिंह लखोवाल सहित बड़ी संख्या में किसान नेता मौजूद रहे। इस दौरान किसान नेताओं ने पंजाब सरकार द्वारा पंजाब में खून के रिश्तों में जायदाद ट्रांसफर कराने स्टैम्प ड्यूटी लगाने का विरोध किया।

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