गन कल्चर पर पठानकोट SSP Harkamalpreet Khakh सख्त, रिकॉर्ड समय में की हथियारों के लाइसेंस की जांच पूरी

पठानकोट: पंजाब सरकार और DGP पंजाब गौरव यादव के दिशा-निर्देश अनुसार, पठानकोट पुलिस ने जिले में दो से अधिक हथियार रखने वालों, आपराधिक आरोपों, मौत के मामलों और अन्य श्रेणियों के तहत 477 व्यक्तियों के शस्त्र लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की है। दरअसल ज़िले भर में जारी लाइसेंस की समीक्षा कर ली गई है।.

पठानकोट: पंजाब सरकार और DGP पंजाब गौरव यादव के दिशा-निर्देश अनुसार, पठानकोट पुलिस ने जिले में दो से अधिक हथियार रखने वालों, आपराधिक आरोपों, मौत के मामलों और अन्य श्रेणियों के तहत 477 व्यक्तियों के शस्त्र लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की है। दरअसल ज़िले भर में जारी लाइसेंस की समीक्षा कर ली गई है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) हरकमलप्रीत सिंह खख ने जानकारी देते हुए कहा कि पंजाब में हिंसा पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने जिले में अब तक जारी किए गए सभी हथियार लाइसेंसों की समीक्षा करने का फैसला किया है। सरकार ने जिला कलेक्टर द्वारा व्यक्तिगत रूप से सत्यापित किए बिना नए लाइसेंस जारी करने पर भी रोक लगा दी है। यह हाल के महीनों में राज्य में बंदूक हिंसा को रोकने के लिए की गई बड़ी कार्रवाई है। इस हिंसा को रोकने के लिए शस्त्र महिमा के खिलाफ अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान में लाइसेंसशुदा हथियारों के सत्यापन के साथ-साथ लाइसेंसधारी के पतों का सत्यापन शामिल है।

SSP खख ने कहा कि पुलिस स्टेशन के रिकॉर्ड के अनुसार, जिले में लगभग 3279 शस्त्र लाइसेंस धारक हैं और पठानकोट के सभी पुलिस स्टेशनों को DSP रैंक के अधिकारियों के बीच बांटा गया है, जिन्हें संबंधित SHO के साथ इस कार्य को पूरा करने के लिए समय दिया गया था। यह सत्यापन अभ्यास सभी पुलिस टीमों द्वारा निर्दिष्ट समय सीमा मैं समाप्त किया है। इनमें से 180 लाइसेंस धारकों की मृत्यु हो चुकी है, लाइसेंस रद्द करने का मुख्य आधार 41 शस्त्र लाइसेंस धारकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे, दिलचस्प बात यह है कि 250 शस्त्र लाइसेंस धारक अपने लाइसेंस रद्द करने को तैयार हैं क्योंकि उन्हें विश्वास नहीं है कि वे वृद्धावस्था या अन्य व्यक्तिगत कारणों से इन बंदूकों को रखने में सक्षम हैं। इनमें से छह व्यक्तियों के पास उनके लाइसेंस पर दो से अधिक हथियार होने का पता चला था, जो कि आर्म्स एक्ट में हालिया संशोधन के तहत अवैध है। इसके अलावा, जिले की सभी सात बंदूक दुकानों को उनके स्टॉक और दस्तावेजों की जांच के लिए राजपत्रित अधिकारियों द्वारा अच्छी तरह से तलाशी ली गई थी। आने वाले दिनों में विभिन्न स्थानों पर समय-समय पर छापेमारी की जाएगी। इस अभियान के तहत जश्न में फायरिंग को अवैध बनाता है क्योंकि इससे लोगों की जान को खतरा होता है।

इस बीच, एसएसपी खख के मुताबिक, पठानकोट जिले में सोशल मीडिया पर हथियारों के महिमामंडन का एक मामला दर्ज किया गया है, जिसमें हथियार जब्त कर लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की गई है। उन्होंने लोगों से सोशल मीडिया, सामाजिक सभाओं, धार्मिक स्थलों, विवाह समारोहों और अन्य कार्यक्रमों सहित सार्वजनिक रूप से हथियारों के प्रदर्शन से परहेज करने का आग्रह किया, क्योंकि हथियार की ब्रांडिंग करना आर्म्स एक्ट के तहत अपराध है।

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