मछली पालन पेशे को प्रोत्साहित करने के लिए मंत्री Laljit Bhullar ने पोस्टर किया जारी

चंडीगढ़: राज्य में मछली पालन के पेशे को प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग परियोजनाओं सबंधी जानकारी प्रदान करता पोस्टर पंजाब के मछली पालन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर द्वारा जारी किया गया। पी.एम.एम.एस. योजना का पोस्टर जारी करते हुए कैबिनेट मंत्री ने बताया कि मछली पालन के पेशे का तेज़ी से विकास करने के उद्देश्य से.

चंडीगढ़: राज्य में मछली पालन के पेशे को प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग परियोजनाओं सबंधी जानकारी प्रदान करता पोस्टर पंजाब के मछली पालन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर द्वारा जारी किया गया।

पी.एम.एम.एस. योजना का पोस्टर जारी करते हुए कैबिनेट मंत्री ने बताया कि मछली पालन के पेशे का तेज़ी से विकास करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार द्वारा इस योजना को राज्य में प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पी.एम.एम.एस. योजना में मछली पालन के लिए हर तरह के प्रोजैक्ट मौजूद हैं, जिनको अपनाने वाले लाभार्थियों को 40 से 60 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस योजना के अधीन राज्य में पहली बार मछली और मछली के उत्पादों की ढुलाई के लिए 43 लाभार्थियों को मोटरसाईकल और ऑटो-रिक्शा खरीदने के लिए सब्सिडी प्रदान की गई। इस योजना की सहायता से 120 हेक्टेयर नया क्षेत्रफल झींगा पालन के अधीन लाया गया है, जिसके लिए 107 लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि इस योजना के अधीन राज्य में लघु मछली फीड मिलें स्थापित करवाई जा रही हैं। ज़िला जालंधर, पटियाला, एस.ए.एस. नगर, फ़रीदकोट और गुरदासपुर में प्राईवेट सैक्टर में कुल 5 लघु मछली फीड मिलों की स्थापना का काम जल्द मुकम्मल हो जायेगा। इस योजना की सहायता से री-सरकुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (आर.ए.एस) और बायो-फ्लॉक कल्चर सिस्टम जैसी मछली पालन की नवीनतम तकनीकों का भी पंजाब में विकास किया जा रहा है, जिससे सीमित जगह और पानी का प्रयोग करके अधिक तादाद में मछली का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस समय राज्य में चार आर.ए.एस. इकाईयों की स्थापना करवाई जा चुकी है और दो इकाईयों की स्थापना प्रगति अधीन है। इसके अलावा पाँच बायो-फ्लॉक इकाईयों की स्थापना भी करवाई जा रही है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इन तकनीकों के प्रसार के लिए विशेष प्रशिक्षण कैंप लगाएगी ताकि अधिक से अधिक नौजवानों द्वारा इनको अपनाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस योजना के अधीन मछली पालन और इससे जुड़े पेशों के विकास की अपार संभावनाएं हैं।

उन्होंने कहा कि पंजाब में मछली और झींगे की प्रोसेसिंग के क्षेत्र में अभी बहुत काम करने की ज़रूरत है, क्योंकि इस क्षेत्र के विकास से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा यह योजना मछली के मंडीकरण को साफ़-सुथरा और आसान करने में लाभकारी होगी। विभाग द्वारा इस योजना के अधीन मछली और इसके उत्पादों की साफ़-सुथरे तरीके से बिक्री के लिए प्राईवेट सैक्टर में क्युसक स्थापित करवाए जाएंगे। सजावटी मछलियों के पेशे को भी पंजाब में विकसित किया जायेगा।

मछली पालन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि मछली पालन के पेशे के तहत इस समय राज्य में 43,690 एकड़ क्षेत्रफल मछली पालन के अधीन है। राज्य में प्राकृतिक पानी, प्राईवेट और पंचायती छप्पड़ों में इस समय कुल 1,89,647 टन मछली का उत्पादन हो रहा है। मछली के पेशे को प्रोत्साहित करने के लिए 15 सरकारी मछली के पूँग फार्मों से मानक किस्म का मछली पूँग किसानों को रियायती दरों पर सप्लाई किया जा रहा है। मछली पूँग की पैदावार को बढ़ाने के लिए एक और नए सरकारी मछली पूँग फार्म की स्थापना गाँव किल्यांवाली ज़िला फाजिल्का में निर्माणाधीन है, जो जल्द ही मुकम्मल हो जायेगा। इसके अलावा राज्य के खारे-पानी से प्रभावित ज़िलों में रोजगार के साधन विकसित करने के लिए सरकार द्वारा झींगा पालन को प्रफुल्लित किया जा रहा है।

पंजाब के किसानों और नौजवानों को मछली पालन का पेशा अपनाने की अपील करते हुए लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि पंजाब सरकार इस योजना के अधीन मछली पालन के विकास के लिए अपेक्षित सहयोग देने के लिए वचनबद्ध है, इसलिए किसान और नौजवान इस योजना का अधिक से अधिक लाभ लें और अपनी आमदन बढ़ाएं। इस अवसर पर विभाग के कार्यकारी निदेशक बृज भूषण गोयल, सतिंदर कौर और जसविंदर सिंह (दोनों सहायक निदेशक) और विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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