Municipal Elections : पंजाब विधानसभा उपचुनावों में अपेक्षित सफलता न मिलने के बावजूद प्रदेश कांग्रेस पार्टी एक बार फिर नगर निगम चुनावों के लिए कमर कस चुकी है और पूरी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के नेतृत्व में एकजुट है। पार्टी नेताओं ने कहा है कि कुछ ताकतें पंजाब कांग्रेस में फूट डालने की कोशिश कर रही हैं मगर उनके मंसूबे पूरे नहीं होंगे।
पार्टी नेताओं का कहना है कि संसद के शीतकालीन सत्र के बाद सभी कांग्रेस नेता एक बार फिर पंजाब में सक्रिय होंगे और विभिन्न शहरों में हो रहे स्थानीय निकाय चुनावों में दमखम दिखाएंगे। कुछ मीडिया हलकों में पंजाब कांग्रेस में घमासान की खबरें चलने को कांग्रेस विरोधी नैरेटिव बताते हुए पार्टी नेताओं का कहना है कि वे सब प्रदेश अध्यक्ष राजा वडिंग के नेतृत्व में एकजुट हैं।
उन्होंने प्रदेश प्रभारी या प्रधान के खिलाफ असंतोष की खबरों को कांग्रेस विरोधी शक्तियों की दिमागी उपज बताया है। इस बीच पंजाब में विधानसभा उपचुनाव संपन्न होने के बाद स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारी शुरू हो चुकी है। राज्य चुनाव कार्यालय कभी भी अधिसूचना जारी कर सकता है।
अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला समेत सभी प्रमुख नगर निगमों और नगर परिषदों में चुनाव दिसंबर अंत तक अपेक्षित हैं। ये चुनाव एक बड़े अंतराल के बाद हो रहे हैं, ऐसे में इन्हें पंजाब में अगले विधानसभा चुनावों से पहले की सबसे बड़ी राजनीतिक कवायद माना जा रहा है। इन चुनावों के दो साल बाद ही 2027 में विधानसभा के अगले चुनाव होंगे। ऐसे में निकाय चुनावों को सेमीफाइनल माना जा रहा है। कांग्रेस पार्टी इन चुनावों को पूरी गंभीरता से लड़ना चाहती है और इनका दारोमदार सभी नेताओं पर है। जालंधर से वर्तमान सांसद चरणजीत सिंह चन्नी, लुधियाना के सांसद राजा वडिं़ग, अमृतसर के गुरजीत सिंह औजला,
गुरदासपुर के सुखजिंदर सिंह रंधावा, फतेहगढ़ साहिब के अमर सिंह, पटियाला से डा. धर्मवीर गांधी, फिरोजपुर के सांसद शेर सिंह घुबाया इन दिनों संसद के शीत सत्र में हिस्सा ले रहे हैं। शीत सत्र वैसे 20 दिसंबर तक चलने की उम्मीद है। तब तक निकाय चुनावों का प्रचार अभियान शिखर पर होगा। ऐसे में शीत सत्र के दौरान सप्ताहांत में और फिर सत्र समाप्ति पर पंजाब के कांग्रेस नेता अपने-अपने इलाकों में निकाय चुनावों के लिए दमखम दिखाने की तैयारी में हैं।