31 March तक कोई भी स्कूल Single Teacher वाला नहीं होगा: Harjot Singh Bains

नूरपुरबेदी: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में राज्य के स्कूलों का कायाकल्प ही नहीं हो रहा, बल्किशिक्षा को एक नई दिशा भी मिल रही है। उनकी अगुवाई में स्कूलों की कारगुजारी में बहुत बेहतरी आई है और शिक्षा विभाग देश में नाम चमकने लगा है। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस का सबसे ज्यादा जोर.

नूरपुरबेदी: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में राज्य के स्कूलों का कायाकल्प ही नहीं हो रहा, बल्किशिक्षा को एक नई दिशा भी मिल रही है। उनकी अगुवाई में स्कूलों की कारगुजारी में बहुत बेहतरी आई है और शिक्षा विभाग देश में नाम चमकने लगा है। शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस का सबसे ज्यादा जोर शिक्षा क्षेत्र को देश में सबसे बढ़िया बनाना है। इस संबंध में वह लगातार कोशिश कर रहे हैं। सबसे पहले काम शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए अध्यापक मुहैया करवाने का किया।

उनकी सरकार बनने से पहले राज्य में सिंगल टीचर स्कूलों की गिनती 35,00 से भी अधिक थी, लेकिन अब यह कम होकर 600 के करीब रह गई है। मुख्यमंत्री का लक्ष्य है कि इस साल 31 मार्च तक कोई भी स्कूल सिंगल टीचर वाला नहीं होगा और यह लक्ष्य प्राप्त करने वाला देश में पंजाब पहला राज्य होगा। जहां स्कूलों को अध्यापक मुहैया करवाए जा रहे हैं और इस काम के लिए नई भर्ती की जा रही है, उसके साथ-साथ सरकारी स्कूलों के निर्माण का काम भी बड़ी जोर-शोर से चल रहा है।

बैंस ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सभी स्कूलों के लिए बाऊंड्रीवॉल बनाने के लिए 323 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था और उसमें से 290 करोड़ रु पए खर्च हो चुके हैं। सरकार ने लगभग 77,00 स्कूलों में चारदीवारी का काम मुकम्मल कर लिया है। इस चारदीवारी की लंबाई 13,00 किलोमीटर बनती है। चारदीवारी के अलावा बच्चों के लिए नए कमरे भी बनाए जा रहे हैं। लगभग 10,000 के करीब कमरे निर्माणाधीन है। सभी स्कूलों में वाई-फाई सिस्टम मुहैया करवाने का काम भी बड़े जोर से चल रहा है।

शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस संबंधित अधिकारियों को हिदायत दी है कि 31 मार्च, 2024 तक सभी स्कूलों को वाई-फाई की सहूलियत मिल जानी चाहिए, क्योंकि शहीद भगत सिंह की विचारधारा के साथ मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का विशेष लगाव है और वह उनको अपना नायक मानते हैं। इसलिए मुख्यमंत्री ने शहीद भगत सिंह के गांव के साथ लगता बंगा शहर में करोड़ों रु पए की लागत से एक शानदार स्कूल ऑफ एमिनैंस बनाने का फैसला लिया है।

स्कूल वर्दी के लिए निफ्ट से ली गई मदद
शिक्षा मंत्री ने बताया कि विद्यार्थियों को स्मार्ट यूनिफॉर्म मुहैया करवाने के लिए नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ फैशन टैक्नोलॉजी की मदद ली गई है। फैशन टैक्नोलॉजी इंस्टीच्यूट ने स्कूल ऑफ एमिनैंस के विद्यार्थियों की वर्दी का डिजाइन तैयार किया है और इसकी हर तरफ से प्रशंसा हो रही है। बैंस ने बताया कि हमारी सरकार ने देश के महान शहीद सरदार भगत सिंह के पैतृक गांव खटकल कलां स्कूल का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा है, जिस संबंधी पिछले 70 साल के दौरान किसी भी पिछली सरकार ने नहीं सोचा।

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