राज्यसभा सांसद Vikramjit Sahney ने पंजाब के लिए अधिक बजटीय प्रावधान की वकालत की

नई दिल्ली/चंडीगढ़: राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने पंजाब के लिए अधिक बजटीय प्रावधान की वकालत की। विक्रमजीत साहनी ने केंद्रीय बजट 2023-24 के प्रगतिशील पहलुओं की सराहना करते हुए कहा कि नई कर व्यवस्था जैसे कदम, जिसमें 7 लाख की कुल आय वाले व्यक्तियों को आयकर का भुगतान नहीं करना होगा, इसे दरों व.

नई दिल्ली/चंडीगढ़: राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने पंजाब के लिए अधिक बजटीय प्रावधान की वकालत की। विक्रमजीत साहनी ने केंद्रीय बजट 2023-24 के प्रगतिशील पहलुओं की सराहना करते हुए कहा कि नई कर व्यवस्था जैसे कदम, जिसमें 7 लाख की कुल आय वाले व्यक्तियों को आयकर का भुगतान नहीं करना होगा, इसे दरों व स्लैब में प्रगतिशील बनाता है, जबकि सप्तऋषि- 7 प्राथमिकताओं का विचार भी सुधारवादी दिखता है। लेकिन अभीअन्य भी बहुत से क्षेत्र हैं, जहां सरकार और अधिक कर सकती थी।

साहनी ने पंजाब में भूजल की कमी के बारे में उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) के अनुसार पंजाब का भूजल पहले 2029 तक 100 मीटर को पहुँच जाएगा और यह 2039 तक 300 मीटर से नीचे गिर जाएगा। हमने देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरित क्रांति के बाद से धान जैसी पानी की अधिक खपत करने फसलों का उत्पादन किया, जिसके परिणामस्वरूप भूजल स्तर में गिरावट आई। केंद्र सरकार को इस समस्या से निपटने के लिए पंजाब को जरूरी आर्थिक सहायता देनी चाहिए थी।

साहनी ने कहा कि बजटीय आवंटन में न तो एमएसपी खरीद और न ही खाद्य संरक्षण और प्रोसेसिंग इकाइयों के लिए वृद्धि का कोई जिक्र है। साहनी ने पंजाब के बारे में बोलते हुए कहा कि कृषि और सहकारिता के लिए की गई घोषणाएं, जैसे कि मिलेट्स के लिए इंडिया ग्लोबल हब “श्री अन्ना” बनाना, किसानों के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा बनाना, स्टार्टअप के लिए एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड स्थापित करना, 20 लाख करोड़ का कृषि ऋण लक्ष्य, व्यापक रूप से उपलब्ध भंडारण क्षमता स्थापित करना आदि बहुत आशावादी दिखता है, लेकिन सरकार को पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) और मिड-डे मील में मिलेट को शामिल करने जैसी नीतियों पर भी ध्यान देना चाहिए, ताकि बाजरे की खपत की समस्या का समाधान हो सके।

डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए किसानों के डिजिटल प्रशिक्षण का एक समग्र कार्यक्रम लागू किया जाना चाहिए। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि खाद्यान्न की भंडारण क्षमता में वृद्धि के परिणामस्वरूप जमाखोरों द्वारा खाद्य वस्तुओं की फर्जी महंगाई न हो। साहनी ने कहा कि ग्रीन ग्रोथ इस बजट की सप्तऋषि प्राथमिकताओं में से एक है। वित्त मंत्री ने भी अपने बजट भाषण में इस पर काफी जोर दिया, लेकिन सभी प्रकार के ई-वाहनों और साइकिलों पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया गया है, जबकि हम वैट कम नहीं कर रहे हैं या पेट्रोल और डीजल पर कोई भी सब्सिडी नहीं दे रहे, ऐसे में उन पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाना बहुत अच्छा कदम नहीं है। साहनी ने कहा कि वह चाहता हैं कि केंद्र सरकार बजट में की गई सभी नीतिगत घोषणाओं को प्रभावी तरीके से लागू करे, ताकि आम लोगों को महंगाई से कुछ राहत मिले।

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