rocket
domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई थी। इस बार उनके गोल्ड मेडल जीतने की उम्मीद थी। हालांकि, फाइनल मुकाबले से पहले केवल 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण उन्हें डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी ने उन्हें वजन कम करने के लिए एक्स्ट्रा समय भी नहीं दिया। इस फैसले से विनेश गोल्ड तो दूर सिल्वर जीतने से भी चूक गईं, जिसके बाद उन्होंने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स में न्याय की अपील की। उनके मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है और 13 अगस्त तक फैसला सुनाने की घोषणा की गई है। विनेश से पहले CAS ने रोमानिया की जिमनास्ट एना बारबोसु को न्याय दिया है। इससे भारतीय पहलवान की भी उम्मीदें बढ़ गई हैं।
पेरिस ओलंपिक के महिला आर्टिस्टिक जिमनास्टिक के फ्लोर इवेंट में अमेरिका की जॉर्डन चाइल्स ने 13.766 पॉइंट्स के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता था। वहीं रोमानिया एना बारबोसु 13.700 पॉइंट्स के साथ चौथे स्थान पर रही थीं. बारबोसु ने चाइल्स को गलत तरीके से पॉइंट देने के खिलाफ सीएएस में अपील की थी। इस मामले में सुनवाई पूरी होने का बाद सीएएस ने बारबोसु के चैलेंज को सही ठहराया है। कोर्ट ने माना कि ओलंपिक के जजमेंट पैनल ने गलत तरीके से पॉइंट्स में इजाफा किया, जिससे चाइल्स पांचवें से तीसरे स्थान पर चली गईं। इस फैसले के बाद चाइल्स के पॉइंट्स में कटौती हुई और वो वापस 13.666 पर पहुंच गई हैं. इस तरह CAS ने ऐना बारबोसु के साथ न्याय किया और फाइनल में हारने के बावजूद अब इंटरनेशनल जिमनास्टिक फेडरेशन ने रोमानिया की जिमनास्ट को ब्रॉन्ज मेडल दिया गया है।