World Cup से पहले Cricket Australia का बड़ा फैसला, अब से नेकगार्ड पहनना होगा जरूरी

सिडनीः अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट में प्रत्येक ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी को 1 अक्टूबर से नेकगार्ड पहनना अनिवार्य होगा। बयान में यह भी कहा गया है कि जो खिलाड़ी इस नियम का पालन नहीं करेगा उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। वर्ल्ड कप 2023 से पहले क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की ओर से सभी अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट खेलने.

सिडनीः अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट में प्रत्येक ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी को 1 अक्टूबर से नेकगार्ड पहनना अनिवार्य होगा। बयान में यह भी कहा गया है कि जो खिलाड़ी इस नियम का पालन नहीं करेगा उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। वर्ल्ड कप 2023 से पहले क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की ओर से सभी अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट खेलने वालों बल्लेबाज़ों के लिए एक नया नियम लागू किया गया है। अब पेसर और मीडियम पेसर का सामना करते वक़्त बल्लेबाजों को नेकगार्ड यानी गर्दन की सुरक्षा करने वाला गार्ड पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।

इन बदलावों का असर ऑस्ट्रेलिया के कई अंतर्राष्ट्रीय बल्लेबाजों पर पड़ेगा जिनमें डेविड वार्नर, स्टीव स्मिथ और उस्मान ख्वाजा शामिल हैं। जो वर्तमान में बल्लेबाजी करते समय प्रोटेक्टर नहीं पहनते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा जारी किए गए नए नियम के तहत अक्टूबर से नेकगार्ड पहनना अनिवार्य हो जाएगा। दक्षिण अफ्रीका में मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई सफेद गेंद टीम में से वार्नर, टिम डेविड और जोश इंगलिस ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने बल्लेबाजी के दौरान नेकगार्ड नहीं पहना।

फिलिप ह्यूज की दुखद मौत के बाद सीए ने नेकगार्ड के उपयोग की सिफारिश की थी, लेकिन कई अनुभवी खिलाड़ी इसके खिलाफ थे। नियमों में यह अपडेट स्टार ऑलराउंडर कैमरून ग्रीन के हेलमेट से जुड़े नेकगार्ड पर कैगिसो रबाडा के बाउंसर द्वारा चोट लगने के ठीक एक हफ्ते बाद आया है। नेकगार्ड पहनने का नियम धीमी या स्पिन गेंदबाजी का सामना करने वाले बल्लेबाजों के साथ-साथ विकेटकीपरों और करीबी फील्डर पर लागू नहीं होता है।

हालांकि, स्टम्प्स तक खड़े रहने वाले कीपरों और नजदीक क्षेत्ररक्षकों को लंबे समय से हेलमेट पहनना आवश्यक है। इंग्लैंड के घरेलू क्रिकेट में अक्टूबर 2022 से नेकगार्ड का नियम लागू है। सीए के क्रिकेट संचालन प्रमुख पीटर रोच ने कहा कि नेक प्रोटेक्टर्स पर काफी शोध और परीक्षण किया गया है और संचालन संस्था को अब लगा कि इन्हें अनिवार्य करने का यह सही समय है।

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