धर्मशाला: रविचंद्रन अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के दौरान विभिन्न एक्शन और गति पर काम किया और इस स्टार ऑफ़ स्पिनर ने कहा कि बाहरी प्रतिक्रियाओं पर ध्यान दिए बिना प्रयोग करना भारत की विभिन्न परिस्थितियों में उनकी सफलता का राज है। इंग्लैंड के खिलाफ यहां खेला गया पांचवा और अंतिम टेस्ट मैच अश्विन का 100वां टेस्ट मैच था। उन्होंने पांच मैच की श्रृंखला में सर्वाधिक 26 विकेट लिए।
अश्विन ने पांचवें मैच में भारत की पारी और 64 रन से जीत के बाद कहा,‘‘ पूरी श्रृंखला के दौरान मैंने भिन्न एक्शन और गति से गेंदबाजी की। भारत में परिस्थितियां भिन्न होती हैं। यहां प्रत्येक मैदान से जुड़ी अपनी चुनौतियां होती हैं। लोग मेरे बारे में क्या सोचते हैं, इसको लेकर मैं कभी असहज महसूस नहीं करता हूं।’’ इस 37 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि अपनी गेंदबाजी में नए आयाम जोड़ने की मानसिकता से उनको फायदा हुआ है।
उन्होंने कहा,‘‘अगर मुझे विश्वास है कि मैं कुछ नया करने की कोशिश कर सकता हूं तो फिर मैं उससे पीछे नहीं हटता। मैं अच्छा फीडबैक लेने के लिए अपने कान और आंखें हमेशा खुली रखता हूं।’’ अश्विन ने कहा,‘‘जब तक मैं प्रयास नहीं करूंगा तब तक मैं कैसे सीखूंगा। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मेरा कोई एक तरीका काम नहीं कर रहा है लेकिन सौभाग्य से प्रयोग करना और कुछ नया सीखने से मुझे मदद मिली है।’’
अश्विन ने शनिवार को इंग्लैंड की दूसरी पारी में 77 रन देकर 5 विकेट लिए। उन्होंने इससे पहले रांची में चौथे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में भी 51 रन देकर 5 विकेट हासिल किए थे। उन्होंने इन दोनों को पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करार दिया।
उन्होंने कहा,‘‘इन दोनों स्पैल में मैंने जिस तरह से गेंदबाजी की उससे वास्तव में मैं बहुत खुश हूं। रांची में दूसरी पारी के प्रदर्शन से मुझे बहुत खुशी मिली।’’ अश्विन ने अपने साथी स्पिनर कुलदीप यादव की भी जमकर प्रशंसा की जिन्होंने चार टेस्ट मैच में 19 विकेट लिए।
उन्होंने कहा,‘‘जिस तरह से गेंद कुलदीप के हाथ से निकल रही है वह अविश्वसनीय है। कलाई के स्पिनर को इस तरह के प्रवाह में देखना तथा पिछले 10 महीनों और इस श्रृंखला में उसने जिस तरह से बदलाव किये उसे देखना सुखद है।’