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ICC Champions Trophy: चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी कर रही पाकिस्तान ने बांग्लादेश को नहीं हराया तो उनके नाम दर्ज होगा शर्मनाक रिकॉर्ड

रावलपिंडी: आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए 29 सालों का लंबा इंतजार करने वाला पाकिस्तान महज छह दिनों के अंदर प्रतियोगिता से बाहर हो गया। इतना ही नहीं अब तक उनके खाते में एक जीत भी नहीं आई, अब जब रावलपिंडी में वह बांग्लादेश के खिलाफ अपना आखिरी मैच खेलने उतरेंगे तो उनके सिर पर.

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रावलपिंडी: आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए 29 सालों का लंबा इंतजार करने वाला पाकिस्तान महज छह दिनों के अंदर प्रतियोगिता से बाहर हो गया। इतना ही नहीं अब तक उनके खाते में एक जीत भी नहीं आई, अब जब रावलपिंडी में वह बांग्लादेश के खिलाफ अपना आखिरी मैच खेलने उतरेंगे तो उनके सिर पर एक अनचाहे रिकॉर्ड का खतरा होगा।

दरअसल, चैंपियंस ट्रॉफी इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि टेस्ट खेलने वाले देश को मेजबानी मिली हो और वह पूरी प्रतियोगिता में एक भी मैच न जीते हों। सिर्फ केन्या एक ऐसा देश है जिन्हें 2000 में मेजबानी मिली थी और वह अपने पहले ही मैच में भारत से आठ विकेट से हारकर बाहर हो गए थे। तब आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी नॉक-आउट फॉर्मेट में खेली जाती थी।

टीम चयन के साथ-साथ इंटेंट पर भी सवाल

पाकिस्तान की इस बदहाली का कारण उनके खुद के फैसले हैं। चैंपियंस ट्रॉफी दल में अबरार अहमद के तौर पर एकमात्र विशेषज्ञ स्पिनर के साथ जाना हैरान करने वाला चयन था। जिसकी पोल न्यूजीलैंड के खिलाफ कराची में हुए उनके पहले मुकाबले में ही खुल गई थी जब स्पिन की मददगार पिच पर अबरार अकेले पड़ गए थे। बची-खुची कसर भारत के खिलाफ दुबई की धीमी पिच पर निकल गई, जहां खुशदिल शाह और सलमान आगा की पार्ट टाइम स्पिन गेंदबाजी भारतीय बल्लेबाजों के लिए तोहफा साबित हुई।

इसके अलावा बल्लेबाजी में भी बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान की धीमी बल्लेबाजी पाकिस्तान की दोनों हार में बड़ा कारण रही। न्यूजीलैंड के खिलाफ 300 से ज्यादा चेज करते हुए बाबर ने जहां धीमा अर्धशतक लगाया तो भारत के खिलाफ पहले खेलते हुए रिजवान की भी पारी काफी धीमी थी।

बांग्लादेश के काम न आया अनुभव

दूसरी तरफ बांग्लादेश की बात की जाए तो इस टीम ने भारत के खिलाफ लड़ाई तो की लेकिन अपने अनुभवी खिलाड़ियों के प्रदर्शन से निराश रही। मुशफिकुर रहीम और महमूदुल्लाह जैसे खिलाड़ियों ने जहां बल्लेबाजी में निराश किया तो गेंद से मुस्तफिजुर रहमान का प्रदर्शन भी बांग्लादेश को कचोटता रहा।

तौहीद हृदोय और युवा कप्तान नजमुल शान्तो ने जी जान लगाते हुए टीम की नैया पार करने की कोशिश तो की लेकिन भारत और न्यूजीलैंड के हाथों उन्हें हार ही मिली और इस तरह उनका सफर भी समाप्त हो गया।

रावलपिंडी की पिच का पेंच

रावलपिंडी की पिच वैसे तो पारंपरिक तौर पर तेज गेंदबाजों के लिए मददगार होती है। लेकिन न्यूजीलैंड बनाम बांग्लादेश मुकाबले में स्पिन को मदद करती हुई नजर आई थी। दिन में तो यहां रन बनाने के लिए भी मेहनत करनी पड़ रही थी। हालांकि दूधिया रोशनी में नई गेंद से तेज गेंदबाजों को मदद मिल रही थी।

साथ ही शाम में शबनम (ओस) के आने के बाद गेंदबाजों के लिए और भी मुश्किल हो सकती है। लिहाजा टॉस जीतने वाली टीम यहां पहले गेंदबाजी करना ही चाहेगी। हालांकि ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले जाना वाला पिछला मैच यहां बारिश और खराब आउटफील्ड की वजह से रद्द हो गया था। मौसम विभाग की मानें तो बारिश एक बार फिर रावलपिंडी मुकाबले में खलल डाल सकती है।

संभावित पाकिस्तान

इमाम-उल-हक, बाबर आजम, सऊद शकील, मोहम्मद रिजवान (कप्तान), सलमान आगा, तैयब ताहिर, खुशदिल शाह, शाहीन अफरीदी, नसीम शाह, हारिस रउफ, अबरार अहमद।

संभावित बांग्लादेश

तंजिद हसन, नजमुल शान्तो (कप्तान), मेहदी हसन मिराज, तौहीद हृदोय, मुशफिकुर रहीम, महमूदुल्लाह, जाकेर अली, रिशाद हुसैन, तसकीन अहमद, मुस्तफिजुर रहमान, नाहिद राणा।

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