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Virat Kohli तीन से चार साल और खेल सकता है, लेकिन Rohit Sharma को करना होगा फैसला : Ravi Shastri

Virat Kohli Can Play : पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री का मानना है कि विराट कोहली में अभी तीन से चार साल का क्रिकेट बचा है लेकिन कप्तान रोहित शर्मा को खेल के पारंपरिक प्रारूप में फॉर्म और तकनीक के साथ लंबे समय से संघर्ष को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही श्रृंखला के.

Virat Kohli Can Play : पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री का मानना है कि विराट कोहली में अभी तीन से चार साल का क्रिकेट बचा है लेकिन कप्तान रोहित शर्मा को खेल के पारंपरिक प्रारूप में फॉर्म और तकनीक के साथ लंबे समय से संघर्ष को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही श्रृंखला के बाद अपने भविष्य का आकलन करने की जरूरत हो सकती है। भारत के सीनियर बल्लेबाज रोहित और कोहली को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला के दौरान खराब प्रदर्शन के कारण आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
रोहित ने पांच पारियों में सिर्फ 6.20 के औसत से 31 रन बनाए हैं और इस दौरान उन्होंने 3, 6, 10, 3 और 9 रन बनाए जो ऑस्ट्रेलियाई धरती पर किसी विदेशी कप्तान का सबसे कम औसत है। पर्थ टेस्ट में शतक के बावजूद कोहली के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी है और उन्होंने श्रृंखला में अब तक 5, नाबाद 100, 7, 11, 3, 36 और 5 रन की पारियां खेली हैं। रवि शास्त्री ने कहा, कि ‘मुझे लगता है कि विराट कुछ समय तक खेलेंगे। वह जिस तरह आउट हो रहा है, या अन्य चीजें, जो भी हो उसे भूल जाइए। मुझे लगता है कि वह अगले तीन या चार साल और खेलेंगे।’’
उन्होंने कहा, कि ‘जहां तक रोहित का सवाल है, उसे फैसला करना होगा। शीर्ष क्रम में मुझे लगता है कि उसका फुटवर्क पहले जैसा नहीं है। वह शायद कई बार शॉट खेलने में देर करता है। इसलिए श्रृंखला के अंत में उसे फैसला करना होगा।’’ रवि शास्त्री ने रोहित की बल्लेबाजी में तकनीकी समस्याओं की ओर इशारा किया, विशेषकर उनके आगे के पैर की मूवमेंट पर। उन्होंने कहा, कि ‘हमने श्रृंखला में कई बार देखा है कि उनका आगे का पैर गेंद की ओर उतना नहीं जा रहा जितना जाना चाहिए।’’
पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान का मानना है कि अगर रोहित भारत के कप्तान नहीं होते तो मौजूदा फॉर्म के आधार पर उन्हें एकादश में जगह नहीं मिलती। पठान ने कहा, कि ‘एक खिलाड़ी जिसने लगभग 20,000 रन बनाए हैं – फिर भी जिस तरह से रोहित अब संघर्ष कर रहे हैं, ऐसा लगता है कि उनका फॉर्म उनका बिल्कुल भी साथ नहीं दे रहा है। अब जो हो रहा है वह यह है कि वह कप्तान हैं, इसलिए वह खेल रहे हैं। अगर वह कप्तान नहीं होते तो शायद वह अभी नहीं खेल रहे होते।’’
उन्होंने कहा, कि ‘आपके पास एक स्थापित टीम होती। लोकेश राहुल शीर्ष पर खेल रहे होते। (यशस्वी) जायसवाल होते। शुभमन गिल होते।’’ पठान ने कहा, कि ‘अगर हम वास्तविकता की बात करें, जिस तरह से वह बल्ले से संघर्ष कर रहा है, उसे देखते हुए शायद उसे एकादश में जगह नहीं मिलती। लेकिन क्योंकि वह कप्तान है और आप अगला मैच जीतकर श्रृंखला बराबर करना चाहते हैं इसलिए वह टीम में बना हुआ है।’’ रोहित पिछले काफी समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। इस साल वह बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू टेस्ट श्रृंखला के दौरान चार पारियों में सिर्फ 42 रन बना पाए और न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैच में सिर्फ 91 रन जोड़ पाए।
पठान ने कहा, कि ‘उसका फॉर्म बहुत खराब है। यहां तक कि यहां आने से पहले भारत में भी वह रन नहीं बना रहा था और अब भी रन नहीं बना पाया है। जब मैं रोहित शर्मा को बल्लेबाजी करते हुए देखता हूं तो यह बहुत निराशाजनक दृश्य होता है।’’ पठान ने आश्चर्य जताया कि कोहली अभ्यास में जो काम कर रहे हैं उसे मैच की परिस्थितियों में क्यों नहीं दोहरा पा रहे। उन्होंने कहा, कि ‘विराट कोहली का शॉट – यह ना तो पहली बार है और ना ही आखिरी बार। वह ऑफ स्टंप के बाहर ड्राइव करने का लालच नहीं छोड़ रहे हैं। वह कई वर्षों से ऐसा कर रहे हैं। हर कोई यही बात कह रहा है। विराट कोहली भी यह जानते हैं। हम सभी उनके अनुशासन के बारे में बात करते हैं – वह उस अनुशासन को मैदान पर क्यों नहीं लाते?’’
मैच के टर्निंग प्वाइंट पर रवि शास्त्री ने कहा, कि ‘मुझे लगता है कि टर्निंग प्वाइंट ऋषभ पंत का विकेट था। लंच के समय तक तीन विकेट गंवाने के बाद उन्हें पता था कि वे मैच नहीं जीत सकते।’’ उन्होंने कहा, कि ‘जीतने का एकमात्र मौका तभी मिलता है जब कोई मंच तैयार होता, ठीक वैसा ही जैसा रोहित ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था। और फिर जब चाय के बाद ऋषभ पंत आउट हो गए तो ऑस्ट्रेलियाई टीम का हौसला बढ़ गया। यही वह मौका था जिसकी उन्हें तलाश थी और उन्होंने इसका पूरा फायदा उठाया।’’ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का पांचवां और अंतिम टेस्ट तीन जनवरी को सिडनी में शुरू होगा।

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