वल्लभ संप्रदाय का यह प्रमुख तीर्थ उदयपुर के उत्तर में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 पर 48 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो जोधपुर, अजमेर, उदयपुर आदि से बस तथा रेल सेवा द्वारा सीधा जुड़ा हुआ है। नाथद्वारा अपने विशिष्ट दर्शनों, पूजा-पद्धतियों, झांकियों, पर्व-त्यौहारों पर होने वाले उत्सवों के लिए विश्व-प्रसिद्ध है। उदयपुर गाइड बुक.
जन्म एवं पालन-पोषणइतिहास की धारा को नई दिशा देने वाले अद्वितीय, विलक्षण एवं अनुपम व्यक्तित्व थे-खालसा पंथ के सृजक, साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी। गुरु जी का जन्म 1667 ई. में पौष शुक्ल पक्ष की सप्तमी, विक्रमी संवत 1723 को बिहार के शहर पटना में हुआ। पिता नवम् गुरु तेग बहादुर जी एवं माता.
वास्तुशास्त्र और ज्योतिषशास्त्र के अनुसार हमें बहुत सी बातों का ध्यान रखना चाहिए। अगर हम अपने घर में शांति चाहते है तो हमें अपने घर में वास्तुशास्त्र और ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। माना जाता है के हमारे घर में जो कुछ भी वस्तुए राखी होती है उनका हमारे जीवन.
लोहड़ी का पर्व हर साल बहुत हे धूम धाम से मनाया जाता है। यह पर्व आम तौर पर भारत में मनाया जाता है। घर घर जा कर लोहड़ी मांगते है और गाने गाते है। इस दिन हर घरमें आग जला कर लोग लोहड़ी मनाते है। लेकिन बहुत कम लोग जानते है के ऐसा क्यों किया.
लहसुन हमारी ज़िन्दगी में इस्तेमाल होने वाली आम चीज़ है। इसका इस्तेमाल रसोईघर में किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते है कि लहसुन के कुछ सरल उपाय से हम अपनी ज़िंदगी को सरल बना सकते है। इनके कुछ सरल उपाय करने से इंसान की धन की समस्या, गृह कलेश जैसी बहुत सी समस्याओ का.
हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर के मार्गदर्शन में आज एसीबी के दो कर्मचारियों नामतः इंस्पेक्टर सोमेश तथा ईएचसी अशोक कुमार को अम्बाला से ₹100000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
एक दार्शनिक गांव के एक किनारे छोटी-सी कुटिया में रहते हुए अहर्निश आत्मानुभव में लीन रहा करता था। कभी-कभी जब लोग उसके दर्शनों के लिए आते तो अपने अमृतमय शब्दों में उन्हें वह आनन्दित कर देता। उसकी ख्याति दूर-दूर तक फैल गई और लोगों में वह सम्माननीय साधु के रूप में स्थापित हो चुका था।.
बदलते परिवेश में त्यौहारों का स्वरूप भी बदल गया है। वह समय लद गया जब बच्चे गलियों में झुंडों के झुंड लोहड़ी के गीत गाते और घर-घर जाकर लोहड़ी मांगते। हर घर से कुछ न कुछ जो भी मिलता, उसे लेकर घर को दुआएं देकर अगला दरवाजा खटखटा देते। वैसे तो दरवाजा खटखटाने की जरूरत.