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आग से जलकर राख हुए घरों के परिजनों की आखिरी उम्मीद बनी ‘आखरी उम्मीद संस्था’

जालंधर : रेल कोच फैक्ट्री के बाहर लगभग 65 झुग्गियां जलकर राख हो गईं। वहीं आखरी उम्मीद वेलफेयर सोसायटी ने पीड़ितों का हाल जाना। कुदरत के कहर ने इन परिवारों से छत छीन ली। घर का सारा सामान जलकर राख हो गया। ठंड के मौसम में, उन्हें अपने बच्चों के साथ रात में सड़क पर.

जालंधर : रेल कोच फैक्ट्री के बाहर लगभग 65 झुग्गियां जलकर राख हो गईं। वहीं आखरी उम्मीद वेलफेयर सोसायटी ने पीड़ितों का हाल जाना। कुदरत के कहर ने इन परिवारों से छत छीन ली। घर का सारा सामान जलकर राख हो गया। ठंड के मौसम में, उन्हें अपने बच्चों के साथ रात में सड़क पर रात बिताने के लिए मजबूर होना पड़ा।

छोटे-छोटे बच्चे जो स्कूल जाते थे, उनके स्कूल बैग, किताबें, यूनिफॉर्म, कपड़े सब कुछ जलकर राख हो गये। न खाने को रोटी, न पहनने को कपड़े, न रहने को छत, न पैरों में चप्पल। आखरी उम्मीद संस्था, समर्पण एनजीओ, रोटरी क्लब जालंधर, फतेह मिशन सेवा, शाम के दीवाने और दानदाताओं के सहयोग से बेघर लोगों तक राशन, कपड़े, चप्पलें आदि पहुंचाई गईं।

इस मौके पर अध्यक्ष जितिंदर पाल सिंह ने बताया कि इन बेघर परिवारों को और भी उचित सेवा प्रदान की जाएगी और उन्होंने दानदाताओं से अपील की कि वे इन बेघर लोगों की सेवा के लिए आगे आएं।

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