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देश में पहली बार हुई पांच महीने के बच्चे की कोकलियर इंप्लांट सर्जरी

नयी दिल्ली: जन्म से ही कम सुनने के विकार से पीड़ित पांच महीने के शिशु में देश में पहली बार “ कोकलियर इंप्लांट सर्जरी” करके चिकित्सा जगत में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गयी है। राष्ट्रीय राजधानी में फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल में ईएनटी एवं कोकलियर इंप्लांट्स विभाग के निदेशक डॉ. रवि भाटिया ने सोमवार.

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नयी दिल्ली: जन्म से ही कम सुनने के विकार से पीड़ित पांच महीने के शिशु में देश में पहली बार “ कोकलियर इंप्लांट सर्जरी” करके चिकित्सा जगत में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गयी है।

राष्ट्रीय राजधानी में फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल में ईएनटी एवं कोकलियर इंप्लांट्स विभाग के निदेशक डॉ. रवि भाटिया ने सोमवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इतनी छोटी उम्र में यह सर्जरी भारत में पहली बार हुई है। शिशु को जन्म से ही सुनने की समस्या थी। इस प्रक्रिया में मरीज के कान में एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण स्थापित किया जाता है।

एक अध्ययन के अनुसार भारत में जन्म लेने वाले हर 1000 बच्चों में से चार से छह बच्चों में जन्म से ही कम सुनने का विकार होता है। इस स्थिति में बच्चे सुनने की कम क्षमता के साथ जन्म लेते हैं। यह दोष या तो गर्भ में पल रहे शिशु के ऑडिटरी सिस्टम के असामान्य विकास के कारण होता है या माता-पिता से आनुवंशिक विकार के रूप में मिलता है। कई नवजात शिशुओं की सुनने की क्षमता की जाँच की ही नहीं जाती है, इसलिए इस दोष से पीड़ित शिशुओं की संख्या और ज्यादा होने का अनुमान है।

उन्होंने कहा कि इस 4.5 महीने के शिशु को सर्वोदय अस्पताल के सेंटर ऑफ ईएनटी एंड कोकलियर इंप्लांट में भर्ती कराया गया था। शिशु के पिता को भी जन्म से ही कम सुनने की समस्या थी। अस्पताल में शिशु का विस्तृत ऑडियोलॉजिकल परीक्षण किया गया और कोकलियर इंप्लांट सर्जरी करने का निर्णय लिया। अब वह शिशु 10 महीने का हो चुका है और एक स्वस्थ एवं सामान्य जीवन व्यतीत कर रहा है। कोकलियर इंप्लांट कान के क्षतिग्रस्त हिस्से से आगे सीधे ऑडिटरी स्नायु को उत्तेजित करता है।

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