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पिछले 8 साल में उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर घटकर 3 प्रतिशत पर आई : CM योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि राज्य में बेरोजगारी दर 2016-17 में 19 प्रतिशत थी जो आज घटकर तीन प्रतिशत पर आ गई है। वर्ष 2017 में पहली बार और 25 मार्च 2022 को दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ ने अपने आठ साल के कार्यकाल.

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि राज्य में बेरोजगारी दर 2016-17 में 19 प्रतिशत थी जो आज घटकर तीन प्रतिशत पर आ गई है। वर्ष 2017 में पहली बार और 25 मार्च 2022 को दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ ने अपने आठ साल के कार्यकाल की उपलब्धियों का बखान किया और पूर्ववर्ती सरकारों पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय कमी आई है, प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है और अब उत्तर प्रदेश एक लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा, सुशासन, समृद्धि और सनातन संस्कृति के क्षेत्र में प्रदेश की जो पहचान बनी है उसका एहसास पूरा भारत कर रहा है।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों से कहा कि उप्र में बेरोजगारी दर 2016-17 में 19 प्रतिशत थी जो आज घटकर तीन प्रतिशत पर आ गई है। उन्होंने कहा कि बीते आठ वर्षों में आठ लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गईं, एमएसएमई क्षेत्र में दो करोड़ से अधिक युवा स्वरोजगार से जुड़े और 50 लाख युवाओं को टैबलेट एवं स्मार्टफोन देकर डिजिटल सक्षम बनाया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना ने परंपरागत उद्यमिता को बढ़ावा दिया और निर्यात 86,000 करोड़ से बढक़र दो लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।
उन्होंने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना का जिक्र करते हुए कहा कि 31 मार्च तक एक लाख नए युवा उद्यमी बनाने का लक्षय़ है, जिसमें पांच लाख रुपये तक का ब्याज-मुक्त और बिना गारंटी वाला कर्ज दिया जा रहा है। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत हस्तशिल्पियों को कौशल विकास और टूलकिट्स दी गईं।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्षय़ रखा है और फिलहाल देश में दूसरे नंबर पर मौजूद उत्तर प्रदेश जल्द ही नंबर एक बनेगा। उन्होंने कहा कि पहले परीक्षाओं में नकल को जन्मसिद्ध अधिकार माना जाता था, लेकिन आज नकल-विहीन परीक्षाएं हो रही हैं। उन्होंने दावा किया कि बीते आठ वर्षों में छह करोड़ से अधिक लोग गरीबी रेखा के ऊपर पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि 15 करोड़ लोग पिछले पांच वर्षों से मुफ्त राशन प्राप्त कर रहे हैं, 1.86 करोड़ उज्‍जवला कनेक्शन दिए गए और होली एवं दीपावली पर मुफ्त सिलेंडर दिए जा रहे हैं।

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