राखी भेज कर महोबा के लोगों ने पीएम मोदी से मांगा एम्स

महोबा ः स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से जूझ रहे बुंदेलखंड के महोबा की सैकड़ों महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राखी भेज कर बदले में उपहार स्वरूप ‘एम्स’ मांगा है ताकि यहां के लोगों को इलाज के अभाव में अपनी जान न गंवानी पड़े। सामाजिक संगठन ‘बुंदेली समाज’ के नेतृत्व में शुक्रवार को महोबा में.

महोबा ः स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से जूझ रहे बुंदेलखंड के महोबा की सैकड़ों महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राखी भेज कर बदले में उपहार स्वरूप ‘एम्स’ मांगा है ताकि यहां के लोगों को इलाज के अभाव में अपनी जान न गंवानी पड़े। सामाजिक संगठन ‘बुंदेली समाज’ के नेतृत्व में शुक्रवार को महोबा में चलाये गए पीएम को राखी भेजो अभियान में ढाई हजार से ऊपर छात्र-छात्राओं, महिलाओं और जन सामान्य ने बढ़ चढ़ कर भागीदारी की। बुंदेलों ने प्रधानमंत्री को रक्षा सूत्र के साथ मार्मिक अपील भरे पत्र लिफाफे में रखकर डाक से भेजे। इन पत्रों में यहां स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में दम तोड़ने वाले परिजनों और पड़ोसियों का जिक्र करते हुए देश के अति पिछड़े क्षेत्र में एम्स की स्थापना किये जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि सबका साथ सबका विकास की अवधारणा पर कार्यरत केंद्र सरकार यहां चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की मूलभूत आवश्यकता को प्राथमिकता से पूरा करे।

पीएम को राखी भेजने वाली एक महिला मिथलेश ने बताया कि वह महोबा जिले में कबरई क्षेत्र की निवासी है। जहां ग्रेनाइट पत्थर के खनन का कारोबार होता है। कस्बे की आबोहवा में हरवक्त मिट्टी की धुंध व्याप्त रहने के कारण अस्सी फीसद आबादी गम्भीर बीमारी सिलकोसिस की चपेट में है। गरीबी के कारण लोग इलाज के लिए बड़े अस्पतालों तक नही पहुंच पाते और मौत का शिकार बन जाते है। जीजीआईसी की छात्राओं दिव्या, सुनीता, रचना ने कहा कि उन्होंने पीएम को राखी के साथ भेजे पत्र में बुंदेलखंड की बदहाल चिकित्सा सेवाओं को दुरुस्त करने और यूपी व एमपी के बीच में स्थित महोबा में आयुर्विज्ञान संस्थान खोले जाने की मांग की है, ताकि दोनों राज्यों के निवासियों को इसका लाभ मिल सके।

बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने इस संबंध में बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा सूबे में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए प्रत्येक जिले में मेडिकल कालेज खोले जाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसके तहत महोबा जिले में पीपीपी मॉडल से मेडिकल कालेज खोला जाना प्रस्तावित है लेकिन निवेशकों द्वारा यहां रुचि न दिखाए जाने से गाड़ी आगे नही बढ़ पा रही। तारा पाटकर ने कहा कि एम्स खोले जाने से यूपी और एमपी में विभाजित बुंदेलखंड की लगभग तीन करोड़ आबादी लाभान्वित होगी।

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