रामोत्सव 2024ः अयोध्या की विकास गाथा

वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज ने बनाया प्रभु श्रीराम की 'अंतर्ध्यान स्थली' को अयोध्या का बड़ा पर्यटन केंद्र

यूपी डेस्कः (अयोध्या)। एक दृश्य की कल्पना कीजिए…समस्त सृष्टि में सर्वोत्कृष्ट शासन प्रणाली को स्थापित करने वाले निराकार ब्रह्माण्ड नायक श्रीराम के रूप में साकार होने की लीला पूर्ण करने के बाद अब वापस अपने लोक के लिए प्रस्थान कर रहे हैं। पवित्र सरयू में समाहित होने से पूर्व उन्हें अपने लौकिक चक्षुओं से जी भरकर देख लेने और आखिरी बार उनके पवित्र चरणरज को शीश नवाने के लिए अवधपुरी का भाव-विह्वल विशाल जनसमुद्र नदी किनारे उतर पड़ता है। फिर, प्रभु श्रीराम कुटुंबियों समेत सरयू में लौकिक देह को अंतर्ध्यान कर दिव्य विमान में चढ़कर वैकुंठ जाने से पूर्व आखिरी बार उस विशाल जनसमुद्र को दर्शन देते हैं। अब जरा सोचिए, सत्य सनातन आस्था की उस पवित्रतम घटना के साक्षी रहे अयोध्या स्थित गुप्तारघाट का पिछले 500 वर्षों के पराभव काल के दौरान कैसा हाल रहा होगा? वह स्थान जिसे श्रीराम ने खुद वैकुंठ गमन के लिए चुना, यह दुर्भाग्य ही है कि सदियों तक उसकी कोई सुध लेने वाला तक नहीं था। मगर, योगी सरकार ने यहां विकास के ऐसे अध्याय की नींव रखी कि आज एक बार फिर गुप्तारघाट अपने उस पुरातन आध्यात्मिक व ऐतिहासिक वैभव को प्राप्त करने साथ ही मॉडर्न सिविक एमिनिटीज से लैस टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर पहचान बनाने के लिए उठ खड़ा हुआ है। अब गुप्तारघाट बदहाली नहीं, विकास का द्योतक है और उसकी इस पहचान में इजाफा किया है वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज समेत विकास की तमाम परियोजनाओं ने, जिसके कारण यह अयोध्या के सबसे चहेते सेल्फी व टूरिस्ट स्पॉट के तौर पर उभरा है।

परिवर्तन क्या होता है, गुप्तारघाट आकर देखिए…
पूर्ववर्ती सरकारों की उपेक्षा के कारण वर्ष 2017 तक गुप्तारघाट केवल कुछ पुराने ऐतिहासिक मंदिरों व साधुओं की तपस्थली के साथ जीर्ण-शीर्ण तट के तौर पर ही सिमट कर रह गया था, जहां आवारा पशुओं का जमावड़ा रहता था। यहां साफ-सफाई की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। जहां-तहां कूड़ा-कचरा बिखरा हुआ देखा जा सकता था। मगर पीएम मोदी के विजन को जब सीएम योगी का प्रतिबद्ध क्रियान्वयन मिला तो गुप्तारघाट रिवरबैंक रीस्टोरेशन, पक्के तटबंध निर्माण, सौंदर्यीकरण, मार्गों के चौड़ीकरण व विस्तारिकरण के साथ ही टूरिस्ट अट्रैक्शन प्वॉइंट के तौर पर परिवर्तित होने के लिए तमाम साधन-सुविधाओं से लैस होने लगा। स्थानीय लोगों की मानें तो सीएम योगी के अतिरिक्त कोई भी अन्य मुख्यमंत्री गुप्तारघाट का ऐसा कायाकल्प नहीं कर सकता था। आज राजघाट से गुप्तारघाट को जोड़ने वाला लक्ष्मण पथ अतिक्रमण नियंत्रण व विस्तारीकरण के जरिए फोर लेन सड़क के रूप में परिवर्तित हो गया है। इसके अतिरिक्त, यहां वॉटर स्पोर्ट्स समेत तमाम अट्रैक्शन टूरिस्ट्स के लिए डेवलप किए गए हैं, जिनके कारण प्राकृतिक संपदा संपन्न सरयू का यह शांत किनारा अब यहां आने वाले लोगों को आध्यात्मिक सुकून प्रदान करने के साथ ही रोमांच और प्रसन्नता के नए तरंगों से भर देता है।

76.73 करोड़ रुपए की परियोजनाओं ने बदली दशा-दिशा
गुप्तारघाट के सौंदर्यीकरण के दो फेज पूरे हो चुके हैं जबकि तीसरा फेज पूर्ण होने के अंतिम पड़ाव में है। गुप्तारघाट फेज-3 के तहत ओपेन एयर थियेटर, अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित आकर्षक पार्क, आकर्षक स्कल्पचर, प्रवेश द्वार, मेडीटेशन कम योगा सेंटर, कियोस्क, टॉयलेट ब्लाक, इंटरपटेशन सेंटर, कैफेटेरिया, बच्चों के लिए खेल पार्क, सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी आदि कार्य पूरा किया जा चुका है। इन कार्यों को 16.65 करोड़ रुपए की लागत से पूर्ण किया जा रहा है। वहीं, गुप्तारघाट में सौंदर्यीकरण प्रक्रियाओं पर कुल मिलाकर दो फेज में अब तक 76.73 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसमें गुप्तार घाट से जमथरा घाट तक 39.63 करोड़ रुपये से 1.150 किमी तक तटबंध निर्माण व 37.10 करोड़ रुपये की लागत से गुप्तार घाट में विभिन्न परियोजनाओं की का विकास मुख्य है।

जलक्रीड़ा ही नहीं और भी बहुत कुछ है यहां…
गुप्तारघाट में सरयू नदी का पाट कुछ ऐसा है कि यहां रेगुलर वॉटर एक्टिविटीज के संचालन के लिए जरूरी वॉटर लेवल को मेंटेन करना मुश्किल था। ऐसे में, तटबंध निर्माण तथा बैरेज रीस्टोरेशन से इस कार्य को पूर्ण किया जा रहा है। अब यहां पारंपरिक बोटिंग के साथ वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज में जेटी का संचालन भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त यहां मोटरबोट भी संचालित होती है, जिसकी राइड लेकर लोग रोमांच से भर उठते हैं। अब जल्द ही यहां सौर ऊर्जा से संचालित नौकाओं और नियमित क्रूज के संचालन का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

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