सीएम योगी के विजन अनुसार मेक इन इंडिया के तहत यूपीनेडा करेगी सरयू नदी में सोलर बोट का संचालन। भारत में अपनी तरह का होगा यह पहला प्रयोग, 30 पैसेंजर्स की सिटिंग कैपेसिटी युक्त होगी विशिष्ट बोट। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पहले लॉन्च हो जाएगी सर्विस, नयाघाट से होगा बोट राइड का संचालन।
होटलों में 7200, धर्मशाला-गेस्ट हाउस में 11818, होमस्टे-पेइंग गेस्ट में 400, टेंट सिटी-आश्रय स्थलों में 5400 व डॉरमेट्री में 700 बेड्स आदि की तात्कालिक व्यवस्था कराई गई सुनिश्चित। श्रद्धालुओं की सुविधाओं को लेकर सीएम योगी का निर्देश- साफ-सफाई, गर्म पानी, गद्दे-कंबल साफ, सेवा भाव का रखा जाए विशेष ध्यान।
प्रभु श्रीराम की सुमधुर किलकारियों को सुन आह्लादित हुए किन्नरों ने सोहर व बधाई गाकर शुरू की थी नेग लेने की परंपरा। राम के जन्म के उत्सव से लेकर लंका विजय और रामराज्य की स्थापना व उसके उपरांत भी किन्नर समाज हमेशा श्रीराम की सेवा में रहा प्रस्तुत। 500 वर्षों के पराभव काल के बाद अब अपने ईष्ट को दोबारा उसी राजसी वैभव से सुशोभित होने की घड़ी नजदीक देख भाव विह्वल हो उठे अयोध्या के किन्नर। किन्नरों ने मोदी-योगी को दुआओं से नवाजा, बोले- इस गौरव को लौटाने वाले दोनों नायकों पर प्रभु श्रीराम सदा सहाय हों और दसों दिशाओं में इनका यशोगान होता रहे।
सीएम योगी के विजन अनुसार अयोध्या को पर्यटन के लिहाज से विकसित करने पर किया जा रहा सबसे ज्यादा फोकस। सरयू घाटों पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसलिए सभी प्रमुख घाटों को प्रीफैब टॉयलेट्स योजना के अंतर्गत किया जाएगा आच्छादित।अयोध्या विकास प्राधिकरण ने शुरू की प्रक्रिया, मकर संक्राति पर होने वाले स्नान के दृष्टिगत की जा रही है व्यवस्था।
योगीराज में ना सिर्फ दिव्य रूप में संवर रही अयोध्या, श्रीराम की मूर्ति भी होगी अलौकिक। श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव ने प्रभु की मूर्ति का किया बखान। देवत्व और राजपुत्र के साथ ही पांच वर्ष के बच्चे की मासूमियत वाली है प्रभु श्रीराम की प्रतिमा। प्रभु प्रेरणा से स्वीकार की गई है 51 इंच की श्रीराम की मूर्ति, वजन है डेढ़ टन। 16 जनवरी से प्रारंभ हो जाएगी मूर्ति की पूजा विधि, 18 जनवरी को गर्भगृह में हो जाएंगे विराजमान। जल और दूध का ना मूर्ति पर पड़ेगा प्रभाव, ना ही आचमन से होगा कोई दुष्प्रभाव।
हेरिटेज विलेज थीम्ड होम स्टे योजना के जरिए अवध की प्रसिद्ध मेहमाननवाजी, रहन-सहन व खानपान से रूबरू होने का मिलेगा मौका। लकड़ी की आंच पर पकी रोटी, बैलगाड़ी की सवारी समेत ग्रामीण परिवेश और सुविधा संपन्न रिहायशी अवस्थापना का मिला-जुला ताना बाना है यह योजना। योगी सरकार का विजन अयोध्या को अध्यात्म के साथ पर्यटन के बड़े केंद्र के रूप में वैश्विक मानचित्र पर दे रहा नई पहचान। शहरों की भीड़भाड़ से दूर पक्षी विहार के समीप यह योजना प्राकृतिक नजारों की छांव में सुकून खोजने वालों के लिए बनेगा फेवरेट डेस्टिनेशन।