धूम्रपान और लंबे समय तक काम करने से होता है स्ट्रोक : विशेषज्ञ

लखनऊ। विशेषज्ञों ने कहा है कि व्यायाम की कमी, धूम्रपान और नौकरियों में नियमित रूप से सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक बैठे रहना, रक्तचाप और मधुमेह का कारण बनता है। यह युवाओं में स्ट्रोक के लिए भी जिम्मेदार है। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सटिी (केजीएमयू) में न्यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आर के गर्ग.

लखनऊ। विशेषज्ञों ने कहा है कि व्यायाम की कमी, धूम्रपान और नौकरियों में नियमित रूप से सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक बैठे रहना, रक्तचाप और मधुमेह का कारण बनता है। यह युवाओं में स्ट्रोक के लिए भी जिम्मेदार है। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सटिी (केजीएमयू) में न्यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर आर के गर्ग के अनुसार, ‘45 वर्ष से कम उम्र के लोगों में स्ट्रोक के मामले बढ़े हैं और इसका एक सामान्य कारण उच्च रक्तचाप है।‘ प्रोफेसर गर्ग ने बताया, ‘‘40 से 50 वर्ष की आयु के बीच के पेशेवर अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। कार्यालय में बहुत अधिक तनाव, घर में अनियमित खान-पान और शारीरिक व्यायाम की कमी के कारण, वे उच्च रक्तचाप और मधुमेह के लिए आसान लक्ष्य बन जाते हैं। उच्च रक्तचाप उन्हें स्ट्रोक के प्रति संवेदनशील बनाता है।’ प्रोफेसर गर्ग ने कहा, ‘किसी को लग सकता है कि ये लक्षण काम के बोझ के कारण अस्थायी हैं, लेकिन ये शुरुआती चेतावनी के संकेत हैं।‘

’’उन्होंने कहा, ‘‘स्ट्रोक के लक्षणों में चेहरे, हाथ या पैर में अचानक सुन्नता या कमजोरी शामिल है, खासकर शरीर के एक तरफ। अचानक भ्रम, बोलने या समझने में परेशानी, एक या दोनों आंखों से देखने में अचानक परेशानी, चलने में अचानक परेशानी, चक्कर आना, संतुलन या समन्वय की हानि, बिना किसी ज्ञात कारण के अचानक गंभीर सिरदर्द यह सभी प्रारंभिक चेतावनी संकेत हैंं। केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ संकाय सदस्य प्रोफेसर कौसर उस्मान ने कहा कि ‘दफ्तर जाने वाले लोगों में उच्च रक्तचाप आम होता जा रहा है।‘ एससी त्रिवेदी मेमोरियल ट्रस्ट अस्पताल की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अमिता शुक्ला ने कहा, ‘‘गर्भवती महिलाएं भी उच्च रक्तचाप और गर्भकालीन मधुमेह से पीड़ित होती हैं। यह उन्हें विशेष रूप से रक्तस्रावी स्ट्रोक के प्रति संवेदनशील बनाता है।’

स्ट्रोक, जिसे अक्सर ‘ब्रेन अटैक’ कहा जाता है, यह तब होता है जब मस्तिष्क के एक हिस्से में रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है। स्ट्रोक मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं, पहला इस्केमिक स्ट्रोक, जो सबसे आम है, रक्त के थक्के से अवरुद्ध धमनी के कारण होता है। यहां रक्त को मस्तिष्क के हिस्से तक पहुंचने से रोका जाता है। दूसरे, रक्तस्रावी स्ट्रोक रक्त वाहिका के फटने के कारण होता है, जिससे रक्तस्राव होता है। उच्च रक्तचाप और धमनीविस्फार इस प्रकार के स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं। तीसरा प्रकारट्रांसिएंट इस्केमिक अटैक है जिसे ‘मिनी स्ट्रोक’ भी कहा जाता है। यह मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह में एक अस्थायी रुकावट है।

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