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ग्रेटर नोएडा में 36 घंटे से जल आपूर्ति ठप, लोगों में रोष

Water Supply Stopped : ग्रेटर नोएडा के प्रमुख सेक्टर अल्फा-1 और अल्फा-2 में पिछले 36 घंटों से पानी की आपुर्ति बाधित है, जिससे करीब 20 हजार लोग परेशान हैं। शनिवार देर शाम अल्फा-1 गोल चक्कर के पास गंगाजल पाइपलाइन में लीकेज होने से हजारों लीटर पानी बर्बाद हो गया। इसके बावजूद, प्राधिकरण के अधिकारी मौके.

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Water Supply Stopped : ग्रेटर नोएडा के प्रमुख सेक्टर अल्फा-1 और अल्फा-2 में पिछले 36 घंटों से पानी की आपुर्ति बाधित है, जिससे करीब 20 हजार लोग परेशान हैं। शनिवार देर शाम अल्फा-1 गोल चक्कर के पास गंगाजल पाइपलाइन में लीकेज होने से हजारों लीटर पानी बर्बाद हो गया। इसके बावजूद, प्राधिकरण के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे, जिससे लोगों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।

क्षेत्रवासियों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद प्राधिकरण ने सिर्फ तीन टैंकर पानी भेजकर खानापूर्ति कर दी, जो इस क्षेत्र की 20 हजार की आबादी के लिए बिल्कुल नाकाफी है। आरडब्ल्यूए अध्यक्ष शेर सिंह भाटी ने बताया कि पाइपलाइन में लीकेज हुए 36 घंटे से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक जलापूर्ति बहाल नहीं हो पाई है।

वहीं, अल्फा-2 आरडब्ल्यूए अध्यक्ष सुभाष भाटी ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि प्राधिकरण की लापरवाही के कारण पूरे क्षेत्र में जल संकट गहरा गया है। उन्होंने कहा कि सेक्टर में पाइपलाइन लीकेज की समस्या आए दिन बनी रहती है, लेकिन प्रशासन इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं देता। पाइपलाइन से लगातार पानी बहने के कारण सड़क पर जलभराव की स्थिति बन गई, जिससे राहगीरों और वाहन चालकों को आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। स्थानीय निवासियों ने प्राधिकरण के अधिकारियों से शीघ्र समाधान की मांग की है और कहा है कि अगर जल्द ही पानी की आपूर्ति बहाल नहीं हुई तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

प्राधिकरण की ओर से दावा किया गया कि पाइपलाइन की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया गया है, लेकिन लीकेज ज्यादा होने के कारण काम पूरा होने में समय लग रहा है। हालांकि, स्थानीय लोगों ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि अगर समय रहते समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे बड़े स्तर पर प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाने को मजबूर होंगे।

क्षेत्रवासियों ने सीईओ से निवेदन किया है कि जल्द से जल्द पाइपलाइन की मरम्मत करवाई जाए और जलापूर्ति बहाल की जाए। लोगों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा को हाईटेक सिटी कहा जाता है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की स्थिति यहां किसी गांव से भी बदतर होती जा रही है।

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