चीन से उत्पन्न हुआ एक्यूपंचर चिकित्सा विज्ञान का इस्तेमाल आज पूरे विश्व में किया जाता है। एक्यूपंचर को नीडलिंग थेरेपी भी कहा जाता है। इस चिकित्सा थेरेपी के दौरान विशिष्ट बिंदुओं पर बहुत बारीक सुइयों का इस्तेमाल करके दर्द या बीमारी का इलाज किया जाता है। एक्यूपंक्चर इस सिद्धांत पर आधारित है कि ऊर्जा, जिसे ची भी कहा जाता है, शरीर में और आसपास के मार्ग से बहती है। लेकिन व्यक्ति को बीमारी तब होती है, जब यह ऊर्जा या ची ब्लॉक हो जाती है। एक्यूपंक्चर प्रक्रि या ची को अनब्लॉक या प्रभावित करने और वापस संतुलन में लाने में मदद करने का एक तरीका है। इन दिनों पूरे विश्व में जब लोग वैकिल्पक चिकित्सा का रूख कर रहे हैं तो ऐसे में एक्यूपंचर को बेहद प्रभावी माना जा रहा है। अगर आप चाहें तो इस क्षेत्र में अपना सुखद भविष्य देख सकते हैं
स्किल्सः एक्यूपंचर में अपना भविष्य देख रहे छात्रों में वैकिल्पक चिकित्सा और हॉलिस्टिक हीलिंग प्रॉपर्टीज में गहरी रूचि होनी चाहिए। इसके अलावा, आपमें बेहतरीन इंटरपर्सनल, कम्युनिकेशनल व लिसनिंग स्किल्स होने चाहिए। साथ ही आपमें संवेदनशीलता और पेंशेट की समस्या को समझने की गहरी समझ होनी चाहिए। धैर्य, सेल्फ अवेयरनेस और इमोशनल स्टेबिलिटी भी एक एक्यूपंचर स्पैशिलस्ट के लिए जरूरी है।
योग्यताः एक्यूपंचर में डिग्री हासिल करने के बाद आप इस क्षेत्र में कदम बढ़ा सकते हैं। इस क्षेत्र में उचित प्रशिक्षण व अनुभव की आवश्यकता होती है। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आप बारहवीं के बाद एक वर्ष के डिप्लोमा कोर्स से लेकर तीन वर्षीय डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा ग्रैजुएशन के बाद आप दो वर्ष का मास्टर कोर्स भी कर सकते हैं। एक्यूपंक्चर पाठ्यक्रम में छात्रों को एक्यूपंक्चर के विभिन्न पहलुओं जैसे शरीर के एक्यूपंक्चर बिंदुओं, एक्यूपंक्चर के फंडामेंटल, एक्यूपंक्चर मेरिडियन्स, फाइव एलिमेंट थ्योरी, एंसिलियरी एक्यूपंक्चर, क्लासिकल एक्यूपंक्चर, एप्लाइड एक्यूपंक्चर, इतिहास और पारंपरिक चीनी दवा (टीसीएल) के बारे में सिखाते हैं।
संभावनाएंः एक एक्यूपंचर स्पैशिलस्ट क्लीनिक, जिम, हैल्थ सेंटर्स, रिहैबिलेशन सेंटर्स, रिकवरी केयर यूनिट्स और मनोरोग वार्ड में काम कर सकते हैं। इसके अलावा, आप इस क्षेत्र में रिसर्च कर सकते हैं और एक्यूपंचर कोर्स संचालित करने वाली यूनिविर्सटी व इंस्टीट्यूट में बतौर शिक्षक काम कर सकते हैं। इतना ही नहीं, आप स्वतंत्र निजी चिकित्सक के रूप में भी काम कर सकते हैं। इस क्षेत्र में स्वरोजगार बेहद आम है।
आमदनीः इस क्षेत्र में आमदनी आपकी सफलता पर निर्भर करती है। हालांकि शुरूआती दौर में आपकी आमदनी बहुत अधिक नहीं होती। लेकिन धीरे- धीरे अनुभव के बाद आपकी आमदनी भी बढ़ती जाती है। इतना ही नहीं, प्रसिद्धि प्राप्त करने के बाद आप हर सेशन के लिए चार्ज कर सकते हैं और अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते ह
प्रमुख संस्थान
– बिहार एक्यूप्रेशर योगा कॉलेज, पटना
– इंडियन एकेडमी ऑफ एक्यूपंचर साइंस, औरंगाबाद
– इंडियन बोर्ड ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसन, कोलकाता
– इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिविर्सटी, दिल्ली
– ऑल इंडिया अल्टरनेटिव मेडिकल काउंसिल, नैनीताल
– इंटरनेशनल कॉलेज ऑफ एक्यूपंचर एंड नेचुरल मेडिसन, नई दिल्ली