rocket
domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114अक्सर महिलाओं को थायरॉइड की समस्या होती है, जिसमें शरीर थायरॉइड हॉर्मोन का उत्पादन कम या ज्यादा करने लगता है। मगर पुरुषों को भी यह बीमारी हो सकती है। थायरॉइड में लंबे समय तक दवाएं खानी पड़ती हैं। लेकिन 4 योगासन थायरॉइड बीमारी को जड़ से मिटाने में बहुत फायदेमंद होते हैं।
थायरॉइड क्यों होता है
आयुष मंत्रालय से सर्टिफाइड योगा प्रोटोकॉल इंस्ट्रक्टर गौरव चौहान ने बताया कि थायरॉइड की बीमारी हॉर्मोन के असंतुलन के कारण होती है, जो गृहणियों और ऑफिस में काम करने वाले लोगों को भी परेशान कर सकती है। कुछ योगासन हाइपोथायरॉइड और हाइपरथायरॉइड दोनों में फादेमंद होते हैं।
गले में होती है थायरॉइड बीमारी की जड़
थायरॉइड बीमारी में ग्रंथि कम या ज्यादा हॉर्मोन का उत्पादन करने लगती है। थायरॉइड ग्रंथि आपकी गर्दन के आगे वाले हिस्से में मौजूद होती है। अगर इसे नियंत्रित कर लिया जाए, तो इस बीमारी की जड़ खत्म हो जाती है। योगा इंस्ट्रक्टर ने ऐसे योगासन बताए हैं, जो इस जड़ पर सीधा प्रहार करते हैं।
ताड़ासन
खड़े होकर दोनों पंजों, एड़ियों और घुटनों को साथ में मिला लें। कंधे पीछे की तरफ खींच लें, कमर सीधी और सिर गर्दन के ठीक ऊपर रखें। दोनों हाथों को उनकी तर्फ जांघों से मिलाकर रखें। सांस भरते हुए सिर को जितना हो सके पीछे की तरफ ले जाएं। एक सेकेंड रुककर सांस छोड़ते हुए ठुड्डी को छाती की तरफ लाएं। दांतों को भींचकर और कमर को सीधा रखें। ऐसा 10 बार करें और अंत में सिर को बिल्कुल गर्दन के ऊपर रखें।
अर्धचक्रासन
ताड़ासन की स्थिति में खड़े हो जाएं या फिर पैरों में थोड़ा सा गैप ले आएं। सांस भरें और फिर छोड़ते हुए हाथों को कमर पर इस तरह रखें कि अंगूठे पीछे और उंगलियां आगे की तर्फ आएं। अब कोहनियों को पीछे की तरफ ले जाएं। फिर दांत जोड़कर सांस भरें और कमर को पीछे की तरफ ले जाएं। जितना संभव हो कमर को पीछे मोड़ें और 5 सांस लें। अब सांस भरते हुए वापिस सीधे हो जाएं और आराम करें।
हलासन
हलासन के लिए जमीन पर कमर के बल लेट जाएं और हाथों को जांघ के पास जमीन पर रखें। दोनों पंजों को आसमान की तरफ रखें और सांस भरते हुए दोनों पैरों को एक साथ 90 डिग्री पर उठाएं। फिर से सांस भरते हुए ही पैरों को बिल्कुल सिर के ऊपर ले जाएं। जरूरत पड़ने पर हाथों से कूल्हों को सपोर्ट दे सकते हैं, मगर कोशिश करें कि इसकी जरूरत ना पड़े। अब सांस छोड़ते हुए दोनों पंजों को सिर के ऊपर जमीन पर लगाने की कोशिश करते रहें। घुटने सीधे रखें और कुछ सांस लें। वापिस आने के लिए हाथों से जमीन पर सपोर्ट लें और सांस भरते हुए धीरे-धीरे पैरों को नॉर्मल करें।