सिरसा: इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर गन्ने की कीमतों में मात्र 10 रुपये की वृद्धि करके वाहवाही लूटने का प्रयास कर रहे हैं। चौटाला ने कहा कि पिछले साल चीनी मिलों द्वारा गन्ना उत्पादकों को प्रति क्विंटल गन्ने की कीमत 362 रुपये दी गई थी जो अब बढ़ा कर 372 रुपये प्रति क्विंटल की गई है। जबकि गन्ना उत्पादक किसान बीज, खाद, कीटनाशक दवाइयों, डीज़ल तथा अन्य उत्पादक सामग्री की कीमतों मे बेतहाशा वृद्धि के कारण 450 रुपये प्रति क्विंटल की माँग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा गन्ने की कीमतों में घोषित वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है और गन्ना उत्पादकों का अपमान है।
चौटाला ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का मानना कि प्रदेश की सहकारी चीनी मिलों को गन्ने की कीमतों के कारण घाटा हो रहा है। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री चीनी मिलों की वास्तविक स्थिति से अनभिज्ञ हैं, या फिर चीनी मिलों की वर्किंग में कहीं कमी है, जिसका दोष गन्ने की कीमतों पर मंढ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि चीनी मिलें एक एनर्जी बेस्ड उद्योग हैं जिसके सभी उत्पाद, उपोत्पाद, अवशेष आदि एनर्जी से जुड़े हैं। चाहे चीनी हो, गुड़ हो, प्रेस मड हो या बिजली उत्पादन हो सभी उत्पाद अपने आप में चीनी मिलों की आय में अच्छी बढ़ोतरी करता है। पहले कांग्रेस के और अब भाजपा गठबंधन सरकार के शासनकाल में किसान, मजदूर, छोटा व्यापारी और कर्मचारी समेत सभी वर्गों की दुर्गति हो रही है। खराब हुई फसलों और गन्ने की कीमत न बढ़ने के कारण किसान आर्थिक संकट से जूझ रहा है। भाजपा सरकार मामले पर पुनर्विचार करके और किसान विरोधी नीतियों को नकारते हुए गन्ने की कीमतें 400 रुपये प्रति क्विंटल घोषित करें।