नई दिल्ली: वायु प्रदूषण, गर्मी, कार्बन डाईआॅक्साइड का उच्च स्तर और आसपास का शोर रात की अच्छी नींद को प्रभावित कर सकते हैं। एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। ‘स्लीप हैल्थ’ जर्नल में प्रकाशित यह अध्ययन शयनकक्ष में कई पर्यावरणीय कारकों को मापने और नींद की गुणवत्ता के साथ उनके संबंधों का विश्लेषण करने वाला अपनी तरह का पहला अध्ययन है।
अध्ययनकर्ताओं ने 62 प्रतिभागियों के एक समूह की 2 सप्ताह के लिए निगरानी की और इस दौरान उनकी गतिविधियों के साथ ही नींद लेने के समय पर ध्यान केंद्रित किया गया। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि शयन कक्ष में वायु प्रदूषण के उच्च स्तर, कार्बन डाइआॅक्साइड, शोर और तापमान का सीधा असर नींद की गुणवत्ता पर पड़ा और ऐसे लोग कम नींद ले सके।
अमरीका की पैंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी में प्रोफैसर एवं अध्ययन के प्रमुख लेखक मैथियास बेसनर ने कहा, ‘ये निष्कर्ष उच्च गुणवत्ता वाली नींद के लिए शयनकक्ष के वातावरण के महत्व पर प्रकाश डालते हैं।’ उन्होंने कहा कि कार्य और पारिवारिक जिम्मदारियों के चलते नींद की गुणवत्ता पर पड़ने वाले प्रभाव के अलावा बढ़ते शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन के कारण तेजी से बदलते परिवेश ने रात में अच्छी नींद लेना कठिन बना दिया है।