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औपनिवेशिक कालीन कानूनों को बदलने की प्रक्रिया एक कठिन कार्य था: मेघवाल 

चंडीगढ़:  केंद्रीय कानून मंत्री अजरुन राम मेघवाल ने कहा है कि भारतीय दंड संहिता, 1860 जैसे औपनिवेशिक कालीन कानूनों में गहराई से निहित पुरातन शब्दावली और अवधारणाओं को खत्म करने की प्रक्रिया मुश्किल थी। मेघवाल ने सोमवार को यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से उनके सरकारी आवास पर शिष्टाचार भेंट के दौरान मंत्रियों, विधायकों एवं.

चंडीगढ़:  केंद्रीय कानून मंत्री अजरुन राम मेघवाल ने कहा है कि भारतीय दंड संहिता, 1860 जैसे औपनिवेशिक कालीन कानूनों में गहराई से निहित पुरातन शब्दावली और अवधारणाओं को खत्म करने की प्रक्रिया मुश्किल थी। मेघवाल ने सोमवार को यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से उनके सरकारी आवास पर शिष्टाचार भेंट के दौरान मंत्रियों, विधायकों एवं हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए यह बात कही। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों भारतीय दंड संहिता, 1860; दंड प्रक्रिया अधिनियम, 1898 और भारतीय साक्षय़ अधिनियम, 1872 को बदलने के लिए लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए थे। इनमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक, 2023; भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) विधेयक, 2023; और भारतीय साक्षय़ (बीएस) विधेयक, 2023 हैं।
 इन विधेयकों को अध्ययन के लिए संसद की एक समिति को भेजा गया है। मेघवाल ने इनके संबंध में कहा कि इन ब्रिटिश कालीन कानूनों में पुरातन शब्दावली और अवधारणाओं को समाप्त करने की प्रक्रिया कठिन थी। उन्होंने इस आमूल-चूल कानूनी बदलाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की भूमिका का भी उल्लेख किया।

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