नूरपुर (पंकज कौशल) : दो राज्यों को जोड़ने वाला कंडवाल स्थित चक्की पुल महीनों से अपने साथ हुई दुर्गति को लेकर लगातार खून के आंसू रो रहा है। इसे एनएचएआई की लापरवाही कहें या प्रशासन का ढिलमूल रवैया या फिर दोनों राज्यों की सरकारों की अनदेखी मगर पिस तो आम आदमी ही रहे है, जो रोजमर्रा के कार्यों के लिए इस बहुचर्चित चक्की पुल से गुजरते हैं। लोगों का बार-बार यही कहना है कि जब इस पुल से कंपनी के भारी भरकम ट्राले गुजर सकते है तो आम जनता के दोपहिया वाहन व हल्के वाहन क्यों नही गुजर सकते।
वहीं स्थानीय विधायक रणवीर सिंह ने चक्की पुल पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ये पुल प्रदेश की सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा रोजाना के कामों को निपटाने में भी हजारों लोग इस पुल पर गुजरते हैं। बहुत से स्कूली बच्चे हिमाचल से पंजाब व पंजाब से हिमाचल में पढ़ते हैं। इसके अलावा कर्मचारी तथा दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोग तथा दिव्यांग बच्चे पंजाब स्थित स्कूल में जाते हैं उनके माता पिता भी परेशान हैं।
उन्होंने कहा कि कंडवाल से भदरोया तक सड़क की हालत खराब है और कई किलोमीटर का लंबा चक्कर भी लगाना पड़ता है। निक्का ने एनएचएआई पर आरोप जड़ते हुए कहा कि पिछले एक वर्ष से करोड़ों रुपए खर्च कर दिए गए! मगर अभी तक दो पिल्लरों की सेफ्टी नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि लोग बहुत लंबा इंतजार नहीं कर पाएंगे। लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। अब लोग ओर इंतजार नहीं कर सकते।उन्होंने कहा की जैसे ही बरसात खत्म होती है, लोगों के साथ मिलकर इस पुल को खोलने की लड़ाई लड़ी जाएगी।