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CM Mann ने की J.P. Nadda से मुलाकात, 15 नवंबर तक राज्य को डीएपी खाद की आपूर्ति की मांग

चंडीगढ़/जालंधर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शनिवार को केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा से 15 नवंबर तक राज्य को आवंटित डी.ए.पी. खाद की पूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री नड्डा के निवास

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चंडीगढ़/जालंधर: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शनिवार को केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा से 15 नवंबर तक राज्य को आवंटित डी.ए.पी. खाद की पूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री नड्डा के निवास पर मुलाकात के दौरान कहा कि पंजाब देश के अनाज पूल में गेहूं की आपूर्ति में लगभग 50 प्रतिशत योगदान देता है। डी.ए.पी. गेहूं की बुआई के लिए आवश्यक है और इस वर्ष इसके लिए राज्य में 4.80 लाख मीट्रिक टन डी.ए.पी. की आवश्यकता है। मान ने कहा कि अब तक राज्य को 3.30 लाख मीट्रिक टन डी.ए.पी. प्राप्त हुई है, जो कि बहुत कम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह समझते हैं कि 70 प्रतिशत डीएपी दूसरे देशों से आयात की जाती है, इसलिए यूक्रेन युद्ध और अन्य अंतर्राष्ट्रीय कारणों से इसकी कमी है। उन्होंने कहा कि पंजाब में डी.ए.पी. की मांग मुख्य रूप से 15 नवंबर तक है, इसलिए केंद्र सरकार को चाहिए कि वह अन्य राज्यों के मुकाबले, जहां इसकी आवश्यकता बाद में होती है, पंजाब को प्राथमिकता दे। मख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रबंधों के कारण राज्य में धान की खरीद निर्बाध रूप से चल रही है। उन्होंने कहा कि एफ.सी.आई. द्वारा पहले खरीदी गई फसलों की ढुलाई ना होने के कारण कुछ बाधाएं आ रही हैं परंतु वह इस मुद्दे को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के समक्ष लगातार उठा रहे हैं।

भगवंत सिंह मान ने बताया कि आज राज्यभर की मंडियों में 4 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है और यह प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है। केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू द्वारा दिए जा रहे बयानों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि धनाढ्य परिवारों से आने वाले नेता राज्य की जमीनी हकीकत से अवगत नहीं होते। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री को बेबुनियाद बातें करने के अलावा कुछ नहीं आता। मुख्यमंत्री ने किसान यूनियनों को यह भी सलाह दी कि किसी भी चीज की अति हानिकारक होती है और लगभग हर दिन बिना किसी कारण सड़कें जाम करना उचित नहीं है।

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