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शिमला जिले के एक गांव में दोहरे हत्याकांड में 33 लोगों को 7 साल की सजा

अदालत शिमला ने दोहरे हत्याकांड के सभी 33 लोगों को विभिन्न धारा के तहत दोषी करार देते हुए सात साल की सजा सुनाई है।

शिमला (देवेंद्र वर्मा) : शिमला जिला के चौपाल के टूईल गांव में 2015 में एक शादी समारोह में हुए दोहरे हत्याकांड के मामले में 33 लोगों को सात साल की सजा हुई है। अतिरिक्त जिला अदालत शिमला ने दोहरे हत्याकांड के सभी 33 लोगों को विभिन्न धारा के तहत दोषी करार देते हुए सात साल की सजा सुनाई है।

अतिरिक्त जिला जज प्रवीण गर्ग की अदालत ने सभी आरोपियों को आईपीसी की धारा 148 के तहत 3 वर्ष, 440 के तहत 3 साल और 325 के तहत 5 साल की सजा सुनाई, इसके अलावा 452 के तहत 7 साल की सजा सुनाई है। इस मामले में 34 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है, लेकिन एक दोषी की मौत हो चुकी है।

बता दें कि चौपाल के गांव टूईल में 2015 में एक शादी थी। गांव के नरबीर सिंह और जिस घर में शादी थी उनके बीच पहले से अनबन थी। कुछ लोगों ने दोनों परिवारों को शादी में इकट्ठा करने की कोशिश की, लेकिन कोई समझौता नहीं हुआ नरबीर अपने घर आ गया। याचिकाकर्ता के अनुसार इस बीच जिस घर में शादी थी उसका रास्ता याचिकाकर्ता के घर के नीचे से निकलता है।

जब बारात घर के नीचे से निकल रही थी, तो नरबीर घर से निकले और उस रास्ते से जाने का विरोध किया तथा पटाखे इत्यादि करने से भी मना कर दिया, जिसके बाद दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया और नरबीर की बंदूक से चली गोली से दूल्हे के भाई बंटू की मौत हो गई। इससे तमाम लोग उतेजित हो गए और लोगों ने नरबीर सिंह को उसके घर घसीट लिया व उसे पांच मीटर तक पीटते हुए नीचे ले गए और उसकी हत्या कर दी। इसके बाद गुस्साएं लोगों ने नरबीर सिंह को आग के हवाले कर दिया।

चौपाल थाने में नरबीर सिंह की पत्नी वीरेंद्रा देवी की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया। मामले की जांच के दौरान तीन दर्जन से ज्यादा लोगों को धारा 302, 326, 436 और दंगा करने जैसी धाराओं के तहत दबोचा गया। चूंकि जब ये वारदात हुई तो भीड़ बहुत ज्यादा थी ऐसे में हत्या किसने की अदालत में ये साबित नहीं हो पाया। अदालत ने 33 आरोपियों को धारदार हथियार से धारा 326 यानी गंभीर चोट पहुंचाने, धारा 440 यानी मकान को आग के हवाले करने और दंगा करने की धारा के तहत दोषी करार दिया है।

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