नेशनल डेस्क : महाकुंभ एक आध्यात्मिक पर्व है जो अमृत स्नान और आत्मिक उन्नति का प्रतीक है। इस समय भगवान शिव की पूजा और मंत्र जाप विशेष रूप से शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान शिव ने विष ग्रहण किया था, जिसके बाद अमृत की बूंदें पृथ्वी पर गिरीं और इन्हीं बूंदों के कारण कुंभ मेले का आयोजन होता है। इस समय यदि आप कुछ विशेष मंत्रों का जाप करते हैं, तो आपको कई प्रकार की सिद्धियां प्राप्त हो सकती हैं और ग्रह दोषों से मुक्ति मिल सकती है। आइए जानते हैं उन मंत्रों के बारे में, जिन्हें महाकुंभ के दौरान जपने से लाभ मिलता है।
पूरी हो सकती हैं मनोकामनाएं
आपको बता दें कि भगवान शिव के मंत्रों का जाप करने से पहले कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है। इन मंत्रों को प्रभावी रूप से प्राप्त करने के लिए आपको कम से कम 41 दिनों तक नियमित रूप से इनका जाप करना चाहिए। साथ ही, मंत्र जप करते समय किसी को भी इसका जिक्र न करें। प्रतिदिन एक ही समय पर जाप करना और विधिपूर्वक भगवान शिव की पूजा करना जरूरी है। 41 दिनों के बाद आप पूजा करके भगवान शिव को भोग अर्पित करें। इससे आपकी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
1. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ यह मंत्र शिवपुराण में वर्णित है और इसके जाप से व्यक्ति की सभी बाधाएं और परेशानियां दूर हो जाती हैं। यह मंत्र अकाल मृत्यु को भी दूर करता है और व्यक्ति को भय से मुक्त करता है।
2. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।
यह शिव का गायत्री मंत्र है, जिसे रोजाना जाप करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस मंत्र का जाप करने से साहस बढ़ता है और साथ ही व्यक्ति को समृद्धि, ऐश्वर्य और मानसिक शांति प्राप्त होती है। इसके जाप से पापों का नाश होता है और सुख की प्राप्ति होती है।
3. ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
यह रुद्र मंत्र है जो कई बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। इस मंत्र का सही उच्चारण के साथ जप करने से जीवन में आई बाधाएं और परेशानियां समाप्त हो जाती हैं।
4. ॐ नमः शिवाय
यह भगवान शिव का प्रमुख और सबसे प्रभावी मंत्र है। शिव पुराण के अनुसार, यह मंत्र भगवान शिव के सभी गुणों का प्रतिनिधित्व करता है। इसे प्रतिदिन 108 बार जाप करने से व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
महाकुंभ के दौरान इन मंत्रों का जाप करने से न केवल व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है, बल्कि मानसिक शांति, समृद्धि और सुख की प्राप्ति भी होती है। अगर आप इन मंत्रों का पालन करते हैं, तो आपके जीवन में आने वाली परेशानियों और ग्रह दोषों से मुक्ति मिल सकती है।