अयोध्या का राम मंदिर भीषणतम भूकंप को भी झेल सकता है: वैज्ञानिक

नई दिल्ली: अयोध्या में नवनिर्मित भव्य राम मंदिर को उस भीषणतम भूकंप को भी झेलने के लिए डिजाइन किया गया है जिसके 2,500 वर्षों में एक बार आने की आशंका होती है। वैज्ञानिकों ने यह जानकारी दी। अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई है और यहां.

नई दिल्ली: अयोध्या में नवनिर्मित भव्य राम मंदिर को उस भीषणतम भूकंप को भी झेलने के लिए डिजाइन किया गया है जिसके 2,500 वर्षों में एक बार आने की आशंका होती है। वैज्ञानिकों ने यह जानकारी दी। अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई है और यहां बड़ी संख्या में रोजाना श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आ रहे हैं। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान से संबद्ध केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीबीआरआई) रुड़की ने अयोध्या के मंदिर स्थल पर कई वैज्ञानिक अध्ययन किए हैं।

जिनमें भू-तकनीकी विश्लेषण, नींव डिजाइन पुनरीक्षण और 3 डी संरचनात्मक विश्लेषण और डिजाइन शामिल हैं। सीएसआईआर-सीबीआरआई के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक देबदत्ता घोष ने बताया कि भीषणतम भूकंप से मंदिर की संरचनात्मक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वैज्ञानिक अध्ययन किया गया था। वहीं, पता चला है कि अयोध्या में पिछले 6 दिनों में 15 लाख से अधिक रामभक्तों ने नव्य-भव्य मंदिर में दर्शन-पूजन किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश पर गठित उच्चस्तरीय कमेटी की देखरेख में श्रद्धालुओं को सुगमता के साथ दर्शन-पूजन की व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है।

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