नेशनल डेस्क : दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को एक चरण में आयोजित हुआ था और 8 फरवरी को परिणाम घोषित किए गए। इस चुनाव में भाजपा ने 70 सीटों में से 48 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, आम आदमी पार्टी 22 सीटों तक सीमित रह गई। कांग्रेस इस बार भी अपना खाता नहीं खोल पाई। हालांकि, इसके बावजूद सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि भाजपा ने अब तक मुख्यमंत्री (सीएम) का नाम घोषित नहीं किया है। भले ही पार्टी ने यह तय किया है कि दिल्ली को नया मुख्यमंत्री 20 फरवरी को मिलेगा, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि वह मुख्यमंत्री कौन होगा। इस पर भाजपा के फैसले का इंतजार किया जा रहा है, जिसके चलते सियासी बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…
आतिशी का आरोप
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी की नेता और कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के पास सीएम के लिए कोई चेहरा नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी चुनावों से पहले मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं कर पाई, जिससे यह साफ हो जाता है कि भाजपा इस मामले में भ्रमित है। वहीं अब गोपाल राय, जो दिल्ली के पूर्व परिवहन मंत्री हैं, ने भाजपा की स्थिति पर तंज कसते हुए कहा, “बारात और मंडप सब तैयार हैं, लेकिन दूल्हे का पता नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि देश के अन्य राज्यों में चुनावों के बाद सरकार बनती रही है, लेकिन इस बार मंडप और बारात तो तैयार हैं, लेकिन दूल्हा कौन होगा, यह किसी को नहीं पता।
#WATCH | Delhi: On the announcement of Delhi CM, AAP leader Gopal Rai said, “In this country, governments of different parties have been formed in different states but for the first time it is being seen that the ‘baraat’ is ready, the ‘mandap’ is also ready, but nobody knows who… pic.twitter.com/olKnvGvGZz
— ANI (@ANI) February 18, 2025
विधायक दल की बैठक की परंपरा
गोपाल राय ने भाजपा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव के बाद यह परंपरा है कि जिस पार्टी की जीत होती है, वह विधायक दल की बैठक करती है, जिसमें मुख्यमंत्री का नाम तय होता है। इसके बाद शपथ ग्रहण की तारीख घोषित की जाती है और तैयारी की जाती है। लेकिन भाजपा ने इस परंपरा का पालन नहीं किया और बिना सीएम का नाम तय किए ही शपथ ग्रहण की तैयारियां शुरू कर दीं।
शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां
भले ही भाजपा ने अब तक मुख्यमंत्री का नाम घोषित नहीं किया है, लेकिन दिल्ली के रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। यह समारोह 20 फरवरी को सुबह 11 बजे आयोजित होगा, लेकिन अब तक यह साफ नहीं है कि इस समारोह में कौन मुख्यमंत्री बनेगा।
भाजपा पर सवाल उठाते विपक्षी दल
विपक्षी दल भाजपा की इस स्थिति पर सवाल उठा रहे हैं और यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि भाजपा आखिरकार मुख्यमंत्री का नाम क्यों नहीं घोषित कर पा रही है। गोपाल राय ने इसे एक बड़ा रहस्य बताया और आरोप लगाया कि भाजपा इस मुद्दे पर कुछ छिपा रही है। दिल्ली में भाजपा की सत्ता में वापसी के बाद भी मुख्यमंत्री का नाम न घोषित करना एक बड़ा राजनीतिक सवाल बन चुका है। इस स्थिति पर विपक्षी दल लगातार सवाल उठा रहे हैं और भाजपा पर तंज कसा जा रहा है। 20 फरवरी को होने वाला शपथ ग्रहण समारोह इस सवाल का जवाब देने के लिए अहम साबित हो सकता है।