पैसे का मिसयूज कैप्टन ने किया, सजा हमारी सरकार को दी जा रही है : CM Mann

केंद्र सरकार हमसे कहती है, यूपी-बिहार की तरह मंडी टैक्स जीरो करो, मंडी बोर्ड का 4000 करोड़ का बजट जीरो करो, हम अपनी मंडियों को खत्म कैसे कर दिए

चंडीगढ़ (पामिल भाटिया) : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान मानते हैं कि पंजाब इस बार के आम चुनावों में पूरे देश को लीड करेगा। चुनाव की दिशा तय करेगा। दैनिक सवेरा टीवी के साथ विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने दो साल के कामों को बताकर वोट मांगेगी और मंत्रियों-विधायकों को संसद भेजने का फैसला यह सोचकर किया गया कि अब शासन- प्रशासन का काफी तजुर्बा ले लेने के बाद वे संसद में पंजाब के हितों को बहुत दमदारी से उठा सकेंगे। पार्टी संयोजक केजरीवाल की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि केजरीवाल को कैद किया जा सकता है मगर उनकी सोच को नहीं, देश में जगह-जगह केजरीवाल पैदा होते रहेंगे। पेश हैं उनके साथ हुए सवाल जवाब:

आरडीएफ रोकने का मुद्दा आपने विधानसभा में भी उठाया था। आप केंद्र को पत्र लिखते हैं तो क्या कोई जवाब नहीं मिलता?

अकेले पत्र लिखने की बात नहीं है, मैं खुद मिलकर भी आया था। मुझसे कहा गया, मंडी टैक्स जीरो कर दो। मैंने कारण पूछा तो कहने लगे, यूपी-बिहार में भी टैक्स जीरो है। अब पंजाब की तुलना यूपी-बिहार से कैसे कर सकते हो। यहां तो हर चार किलोमीटर के दायरे में मंडी है। वहां तो सौ-डेढ़ किलोमीटर तक कोई मंडी नहीं होती है। पंजाब की मंडी बोर्ड का बजट चार हजार करोड़ रुपए का है, केंद्र कहता है, इसे जीरो करो। हम क्यों इसे जीरो करें। पैसे का दुरुपयोग कैप्टन सरकार ने किया, सजा दूसरी सरकार को मिल रही है।

हमने तो कानून भी बदल दिया है कि मंडियों का पैसा सिर्फ मंडियों पर इस्तेमाल होगा, फिर भी पैसा नहीं दे रहे हैं। कैप्टन अमरेंद्र सिंह को यह काम कराना चाहिए, क्योंकि उन्होंने पटियाला से अपनी पत्नी के लिए टिकट ली है। मनप्रीत बादल यह काम क्यों नहीं कराते, सुनील जाखड़ क्यों नहीं कराते, राणा सोढ़ी, फतेहगंज बाजवा क्यों नहीं कराते, ये सभी वहीं (भाजपा में) बैठे हैं। इन बीजेपी के पुत्रों के मुंह से कभी पंजाब के हक के लिए आवाज निकली हो तो बता दें। हमारी 26 जनवरी की झांकी रोक ली, इनमें से कोई बोला क्या? मैंने कहा, केंद्र कौन होता है भगत सिंह की झांकी को रोकने वाला, पंजाब की संस्कृति को नकारने वाले। ये सारे नेता वहां जाकर एक दूसरे की पुरानी बातें बताते रहते हैं, वे उन्हें पकड़ लेते हैं, आ जाओ (बीजेपी का) पट्टा पा लो।

आपने पंजाब में ओल्ड पैंशन स्कीम और महिलाओं को एक हजार रुपए देने का वादा किया था, हिमाचल सरकार ऐसा कर चुकी है, आपकी सरकार क्या सोच रही है?

हम सारे वादे पूरे कर रहे हैं। बिजली मुफ्त कर दी, सरकारी नौकरियां दे दीं, घर-घर राशन पहुंचाने का वादा भी पूरा कर दिया। भ्रष्टाचार कम कर दिया। बाहुबलियों से दस हजार एकड़ सरकारी जमीन छुड़वा ली। अगली बारी महिलाओं को एक हजार रुपए मानदेय देने की ही है।

पंजाब में ड्रग्स और गैंगस्टरों की समस्या अभी तक हल नहीं हुई है, इसमें कितना समय और लगेगा?

ये दोनों समस्याएं सियासी नेताओं ने पैदा की हुई हैं। ड्रग्स में सियासी चेहरों के नाम आते हैं। गैंगस्टर भी इन्हीं ने खड़े किए। ये गैंगस्टर थे तो आम लोगों के लड़के ही। पिस्तौल पकड़ाकर उनसे काम ले लिया। वे मुख्यधारा से बाहर चले गए। जिन्होंने नृशंस अपराध किए हैं, सरकार उन्हें सजा दे रही है। जहां तक ड्रग्स की बात है, सरकार हर स्तर पर काम कर रही है। नई पीढ़ी को खेलों में लगा रहे हैं, नौकरियां दिला रहे हैं, ताकि वे नशों में न फंसे। जो नशों में पड़ चुके हैं, उनका इलाज करवा रहे हैं, पुनर्वास कर रहे हैं। जब उनके ग्राहक ही नहीं रहेंगे तो ड्रग्स किसे बेचेंगे। पुलिस में भर्ती हो रही है, 2200 युवा हर साल पुलिस में भर्ती कर रहे हैं, लड़के-लड़कियां मैदान में जाकर सेहत बना रहे हैं। मैं काम कर रहा हूं। मैंने न तो स्मगलिंग में हिस्सा डालना है, न बसों के धंधे में, मैंने तो बस लोगों के सुख-दुख में हाथ बंटाना है।

आपने कहा कि पंजाब का आपसी भाईचारा बहुत मजबूत है, बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में यूनिफार्म सिविल कोड की बात की है। पंजाब सरकार का इस पर क्या नजरिया है?

हमारे देश की खूबसूरती ही यह है कि हर तरह का धर्म यहां है। हर फूल का अलग रंग है। ये कहते हैं कि एक ही रंग के फूलों का गुलदस्ता होना चाहिए। यह तो कोई बात नहीं हुई। जहां तक इस पर राज्य सरकार की ओर से कुछ करने की बात है तो इसे आने दीजिए पहले, फिर देखते हैं। सिख धर्म में दिन में लावां होते हैं, हिंदू धर्म में रात में फेरे होते हैं।

वन नेशन, वन इलैक्शन के मुद्दे को आप किस तरह देख रहे हो? क्या यह सही तरीका है?

मैं जब संसद में था, तो कानून और न्याय समिति का सदस्य था। तभी यह मुद्दा भी आया था। हम इस मुद्दे पर सारे देश में घूमे। सबसे ज्यादा विरोध क्षेत्रीय दलों ने किया। वे कहते थे, क्या हमारा वोटर दिल्ली के लिए अलग और सूबे के लिए अलग बटन नहीं दबा सकता। ऐसे में तो क्षेत्रीय मुद्दे ही गायब हो जाएंगे। हमारी पार्टी ने भी इसका विरोध किया है।

यह मुद्दा बीजेपी के गारंटी कार्ड में है। वैसे, पिछले चुनाव में अरविंद केजरीवाल की गारंटियां खूब चली थीं, इस बार बीजेपी मोदी की गारंटी को नारा दे रही है, क्या आपको लगता है कि वे आपके शब्दों का स्वाद आपको ही चखा रहे हैं?

सवाल यह है कि हमारे डर से वे हमारी सारी अच्छी चीजें उठा ले रहे हैं, पर इन्हें लागू तो कर दो। क्या इनके सरकार में लौटने की गारंटी है। यह हक जनता का है। यह गारंटी जनता ही दे सकती है। कई बार नई पार्टियां पुरानी पार्टियों को अपना एजेंडा बदलने पर मजबूर कर देती हैं। आ गए ना नीचे। कभी देखा है कि पहले ऐसा हुआ हो। दिल्ली में देश का गृह मंत्री परचा बांट रहा था। हमें अच्छा लगता है कि देश में कुछ बदलाव आ रहा है।

पिछली बार आपने कहा था कि बादल परिवार से सारे हार गए, सिर्फ हरसिमरत कौर बादल सांसद बची हैं। क्या आप उन्हें हराने के लिए बठिंडा में प्रचार करने जाएंगे?

अकाली दल बादल ने तो बड़ी मुश्किल से उनकी सीट तय की है। उन्हें हराने के लिए पहले से ही खुड्डियां मौजूद हैं, बादल साहब को भी उन्हीं ने हराया था। खुड्डियां परिवार को बादल साहब ने बहुत परेशान किया था। दो साल के भीतर दूसरी बार बठिंडा में हराएंगे और फिर लंबी के उपचुनाव में तीसरी बार भी हराएंग।

आपने पंजाब में खुद को 13-0 से पहले ही जीता हुआ घोषित कर दिया है तो फिर दूसरे, तीसरे, चौथे नंबर पर कौन आ रहा है?

मैं दूसरे-तीसरे नंबर को देखता ही नहीं हूं। दूसरी पार्टियों में तो रौला पड़ा हुआ है। आम आदमी पार्टी अकेली है जिसने सारे 13 उम्मीदवार घोषित कर दिया है। वे लोगों से मिल रहे हैं। लोग हमारे साथ हैं। पंजाब के लोग इस बार देश के आम चुनावों को लीड कर इसकी दिशा तय करेंगे।

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