PM Modi ; नेशनल डेस्क : बीजेपी नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने 31 जनवरी को संसद के संयुक्त सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के द्वारा दिए गए अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव में राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की गई और सरकार की नीतियों का समर्थन किया गया। वहीं अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब इस पर होने वाली चर्चा का जवाब दें रहे हैं।
WHO की रिपोर्ट और जल योजनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, नल से शुद्ध जल मिलने के कारण उन परिवारों को औसतन 40 हजार रुपये की बचत हो रही है। यह कई योजनाओं का परिणाम है, जो सीधे तौर पर लोगों की जीवनशैली को बेहतर बना रही हैं और उनके खर्चों में कमी ला रही हैं।
फ्री अनाज और सूर्यघर योजना से बचत
प्रधानमंत्री ने बताया कि मुफ्त अनाज योजना के जरिए करोड़ों परिवारों को भारी बचत हो रही है, जिसके कारण उनके हजारों रुपये बचते हैं। इसके साथ ही सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत भी परिवारों को साल में 25 से 30 हजार रुपये की बचत हो रही है। यह योजना उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जिनके पास अधिक बिजली की खपत होती है, और वे अपनी अतिरिक्त बिजली बेचकर पैसे कमा रहे हैं।
LED बल्ब अभियान और बिजली बचत
पीएम मोदी ने बताया कि एलईडी बल्ब के लिए चलाए गए अभियान के बाद इनकी कीमत 400 रुपये से घटकर 40 रुपये हो गई। इससे देशवासियों के बिजली बिल में भी भारी बचत हुई है, जिससे उन्होंने अपने परिवारों के खर्चों में काफ़ी राहत पाई।
किसानों की बचत
उन्होंने यह भी बताया कि किसानों के लिए सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत प्रति एकड़ 30 हजार रुपये की बचत हो रही है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को सही कृषि उपायों का पालन करने में मदद करना है, जिससे उनकी उपज में वृद्धि हो और लागत में कमी आए।
आयकर में सुधार
पीएम मोदी ने यह भी बताया कि मध्यम वर्ग के लिए आयकर की सीमा बढ़ाई गई है। 2014 से पहले जहां केवल 2 लाख रुपये तक की आय पर आयकर से राहत थी, वहीं अब उन्होंने आयकर सीमा को बढ़ाकर 12 लाख रुपये तक कर दिया है, जिससे मध्यम वर्ग की बचत में भी वृद्धि हुई है। इसके अलावा, अब पहली अप्रैल से देश में वेतनभोगी कर्मचारियों को 13 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं देना पड़ेगा।
2014 के बाद बदलाव
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के पहले देश में ऐसे बमगोले फेंके गए थे, जिनसे देशवासियों का जीवन कठिन हो गया था। लेकिन अब सरकार ने धीरे-धीरे उन घावों को भरते हुए आगे बढ़ने की दिशा में काम किया है।
राष्ट्रपति के भाषण पर प्रतिक्रिया दे रहे PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि उन्हें 14वीं बार इस अवसर पर राष्ट्रपति के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर मिला है। इस दौरान उन्होंने जनता जनार्दन का भी आभार व्यक्त किया और कहा कि हम 2025 में हैं, और यह समय 21वीं सदी के पहले 25 साल का है, जो भविष्य के लिए निर्णायक साबित होगा। उन्होंने कहा कि हमारा फोकस समस्याओं के समाधान पर है। गरीबों का दर्द हर कोई नहीं समझ सकता।
संविधान का सम्मान और मुस्लिम महिलाओं का अधिकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोग संविधान को सिर्फ जेब में रखकर घूमते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के साथ कितना अन्याय किया है। मोदी ने उदाहरण देते हुए बताया कि उनकी सरकार ने ट्रिपल तलाक को खत्म कर मुस्लिम महिलाओं को समान अधिकार दिया और संविधान की भावना का सम्मान किया।
नए मंत्रालय और वंचित वर्गों के लिए अवसर
पीएम मोदी ने बताया कि जब एनडीए की सरकार रही है, तो उसने देश को प्रगति की ओर अग्रसर किया है। उन्होंने विभिन्न मंत्रालयों का उल्लेख करते हुए कहा कि अलग-अलग वर्गों के लिए मंत्रालय बनाए गए हैं, जैसे पूर्वोत्तर के लिए मंत्रालय, आदिवासियों के लिए मंत्रालय, और दक्षिण और पूर्वी क्षेत्रों के राज्यों के लिए मत्स्य मंत्रालय। इसके अलावा, उन्होंने स्किल मंत्रालय की बात की, जो वंचित वर्ग के लोगों को सशक्त बनाने के लिए बनाया गया है।
कोऑपरेटिव मंत्रालय और जातिवाद का खत्म होना
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के कोऑपरेटिव सेक्टर को और समृद्ध बनाने के लिए उन्होंने अलग से कोऑपरेटिव मंत्रालय बनाया है। इसके साथ ही उन्होंने जातिवाद के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि जाति की बात करना कुछ लोगों के लिए फैशन बन गया है। उन्होंने यह भी बताया कि 30 वर्षों तक ओबीसी सांसदों ने ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने की मांग की, और उनकी सरकार ने इसे पूरा किया।
एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के लिए योजनाएं
पीएम मोदी ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या कभी एक ही समय में एससी और एसटी वर्ग के एक ही परिवार से तीन सांसद संसद में हुए हैं? उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, जिनमें एमबीबीएस सीटों में वृद्धि, नई यूनिवर्सिटी और आईटीआई की स्थापना शामिल हैं। 2014 से पहले जहां एससी छात्रों के लिए 7700 सीटें थीं, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 70,000 हो गई है। 2014 से पहले हमारे देश में मेडिकल कॉलेज की संख्या 387 थी, आज 780 है।
नई शिक्षा संस्थाओं का निर्माण
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पिछले 10 सालों में हर हफ्ते एक नई यूनिवर्सिटी, हर दिन एक नई आईटीआई, और हर दो दिन में एक नया कॉलेज खोला गया है। इससे एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के युवाओं के लिए शिक्षा के अवसर बढ़े हैं।
शत प्रतिशत लाभार्थियों को लाभ पहुंचाना
प्रधानमंत्री मोदी ने यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार हर योजना को शत प्रतिशत लागू करने के लिए काम कर रही है ताकि कोई भी लाभार्थी छूट न जाए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य है कि हर समाज, हर वर्ग के लोगों को उनका अधिकार मिले। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार ने तुष्टिकरण की राजनीति से दूर रहकर संतुष्टिकरण का रास्ता अपनाया है।
विकसित भारत के संकल्प को मजबूत करना
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति का भाषण विकसित भारत के संकल्प को और भी मजबूती देने वाला था। यह भाषण न केवल नया विश्वास पैदा करने वाला था, बल्कि जन सामान्य को प्रेरित करने वाला भी था। उन्होंने इसे राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
गरीबी उन्मूलन में सफलता
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि उन्हें 10 साल तक सेवा करने का अवसर मिला और इस दौरान 25 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 5 दशकों तक “गरीबी हटाओ” का नारा सुना गया, लेकिन अब यह नारा हकीकत बन चुका है। यह बदलाव गरीबों के लिए किए गए सच्चे प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने यह भी कहा कि जब लोग जमीन से जुड़कर गरीबों के लिए काम करते हैं तो ऐसा बदलाव होता है।
विकास के लिए सही दिशा
प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ने गरीबों को झूठे वादों के बजाय असली विकास दिया। उन्होंने कहा कि गरीबी का दुख और मिडिल क्लास के सपने केवल राजनीति का हिस्सा नहीं, बल्कि इसके लिए सच्चे जज्बे की जरूरत होती है। हालांकि, दुख के साथ उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोगों में यह जज्बा नहीं है, जो देश के विकास में योगदान दे सकें। प्रधानमंत्री मोदी के इन बयानों से स्पष्ट होता है कि उनका ध्यान गरीबों के उत्थान और सच्चे विकास पर है, और वे यह चाहते हैं कि जनता का हर वर्ग बेहतर जीवन जीने के योग्य बने।
स्वच्छता अभियान का मजाक उड़ाया गया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता अभियान के प्रति कुछ लोगों के दृष्टिकोण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस अभियान का मजाक उड़ाया गया, जैसे यह कोई पाप हो। उनका कहना था कि स्वच्छता अभियान की आलोचना करने वाले यह नहीं समझ पाए कि यह समाज और राष्ट्र के लिए कितना महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने आगे बताया कि सरकार ने सरकारी खरीद में पारदर्शिता लाई और जैम (JAM) पोर्टल का उपयोग कर खरीदी को कम लागत पर किया। इसके परिणामस्वरूप सरकार को एक लाख 15 करोड़ रुपये की बचत हुई। यह कदम सरकारी कार्यों में अधिक पारदर्शिता और आर्थिक दक्षता सुनिश्चित करने का प्रयास था।
स्वच्छता अभियान से कबाड़ की बिक्री से मिली आय
प्रधानमंत्री ने स्वच्छता अभियान की सफलता का एक और उदाहरण देते हुए कहा कि सरकारी दफ्तरों से कबाड़ की बिक्री से हाल के वर्षों में 2300 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। उन्होंने यह उदाहरण दिया कि स्वच्छता अभियान का उद्देश्य सिर्फ साफ-सफाई तक सीमित नहीं था, बल्कि इससे सरकार को आर्थिक रूप से भी लाभ हुआ।
गांधी ट्रस्टीशिप का सिद्धांत
प्रधानमंत्री ने गांधीजी के ट्रस्टीशिप सिद्धांत का उल्लेख करते हुए कहा कि इस सिद्धांत के तहत राष्ट्र की संपत्ति का उपयोग केवल समाज की भलाई के लिए किया जाना चाहिए। स्वच्छता अभियान में भी यही सिद्धांत लागू हुआ, जहां सरकारी संसाधनों का सही उपयोग कर जनता की सेवा की गई। पीएम मोदी ने स्वच्छता अभियान को लेकर अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह केवल सफाई का मुद्दा नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसने देश के विकास में योगदान दिया है।
बता दें कि पीएम मोदी महाकुंभ के आयोजन, राहुल गांधी और अखिलेश यादव द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देंगे। इसके साथ ही वह सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति के बयान पर भी अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं।