नई दिल्ली : लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद कंगना रनौत की एक टिप्पणी को लेकर बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह निरस्त किए जा चुके तीनों ‘काले’ कृषि कानूनों को फिर से लाना चाहते हैं या नहीं। राहुल गांधी ने कहा कि यदि प्रधानमंत्री ने उन कानूनों को फिर से लाने जैसा कोई कदम उठाया तो ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) उसका पुरजोर विरोध करेगा और उन्हें एक बार फिर माफी मांगनी पड़ेगी।
कंगना रनौत ने मंगलवार को कहा था, कि ‘किसान भारत की प्रगति के शक्तिस्तंभ हैं। केवल चंद राज्यों में ही उन्होंने कृषि कानूनों का विरोध किया। मैं हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि किसानों के हित में इन कृषि कानूनों को वापस लाया जाए।’’ विवाद बढ़ने के बाद भाजपा सांसद ने हालांकि 2021 में निरस्त किए गए कृषि कानूनों को वापस लाने की मांग संबंधी अपना बयान बुधवार को वापस ले लिया और कहा कि ये उनके ‘निजी’ विचार हैं और पार्टी के रूख को प्रर्दिशत नहीं करते हैं।
राहुल गांधी ने एक वीडियो में कहा, कि ‘भाजपा के लोग विचारों को लेकर जांच-परख करते रहते हैं। वे किसी से कहते हैं कि सार्वजनिक रूप से विचार रखिए और फिर देखते हैं कि प्रतिक्रिया क्या होती है। यही हुआ है। इनके एक सांसद ने काले कृषि कानूनों को फिर से लाने की बात की है।’’ उन्होंने कहा, कि ‘मोदी जी स्पष्ट कीजिए कि क्या आप उन कानूनों को फिर से लाना चाहते हैं। आप फिर से ‘बदमाशी’ तो नहीं करेंगे?’’ उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने शहीद किसानों के लिए संसद में दो मिनट का मौन भी नहीं रखने दिया था।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, कि ‘सरकार की नीति कौन तय कर रहा है? एक भाजपा सांसद या प्रधानमंत्री मोदी? सात सौ से ज्यादा किसानों, खासकर हरियाणा और पंजाब के किसानों की शहादत लेकर भी भाजपा वालों का मन नहीं भरा।’’ राहुल गांधी ने कहा, कि ‘इंडिया गठबंधन हमारे अन्नदाताओं के विरुद्ध भाजपा का कोई भी षडयंत्र कामयाब नहीं होने देगा। यदि किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए कोई भी कदम उठाया जाएगा तो मोदी जी को फिर से माफी मांगनी पड़ेगी।’’