नेशनल डेस्क : भारत के विदेश मंत्री, एस जयशंकर ने गुरुवार को राज्यसभा में एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने अमेरिका द्वारा भेजे गए प्रवासी भारतीयों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस मुद्दे पर कहा कि यह कोई नई घटना नहीं है, और पहले भी ऐसे मामले सामने आते रहे हैं।
अवैध प्रवासी भेजे जाने की प्रक्रिया कोई नई नहीं
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया कोई नई नहीं है। पहले भी जब किसी देश में भारतीय नागरिक अवैध तरीके से रहते थे, तो उन देशों द्वारा उन्हें स्वदेश भेजा जाता था। उन्होंने कहा, “मोबिलिटी और माइग्रेशन (लोगों का एक देश से दूसरे देश जाना) किसी भी देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन हम हमेशा लीगल (कानूनी) मोबिलिटी को बढ़ावा देते हैं, न कि अवैध मोबिलिटी को।”
The process of deportation is not new and has been ongoing for several years.
EAM shares the details of deportation with the house since 2009@DrSJaishankar @MEAIndia pic.twitter.com/8r282MbNN2
— SansadTV (@sansad_tv) February 6, 2025
2009 से चली आ रही है डिपोर्टेशन की प्रक्रिया
विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि 2009 से यह प्रक्रिया चल रही है, जिसमें अवैध प्रवासी भारतीयों को वापस भारत भेजा जाता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “साल 2009 में 747 अवैध प्रवासियों को स्वदेश भेजा गया था, और इसी तरह से हर साल सैकड़ों लोगों को वापस भेजा गया है।”
अमेरिका से निर्वासित भारतीय नागरिकों के बारे में राज्यसभा में बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “…हम अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वापस लौटने वाले निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो।” pic.twitter.com/Sni8WcMURd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 6, 2025
2012 से सरकारी विमान का इस्तेमाल
एस जयशंकर ने बताया कि 2012 से सरकारी विमान (मिलिट्री प्लेन) का इस्तेमाल अवैध प्रवासियों को वापस लाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया में कोई भेदभाव नहीं होता। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, अमेरिका से निर्वासित भारतीय नागरिकों के बारे में राज्यसभा में बोलते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “…हम अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वापस लौटने वाले निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो।”
यहां पर डिपोर्ट किए गए लोगों की संख्या दी गई है, जो विभिन्न वर्षों में वापस भेजे गए हैं:
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि समय-समय पर विभिन्न वर्षों में बड़ी संख्या में भारतीय नागरिकों को अवैध प्रवासी के रूप में वापस भेजा गया है।
नियमों के तहत डिपोर्ट किए गए नागरिक
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से नियमों के तहत होती है, और इसमें किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता। जब भी कोई व्यक्ति अवैध रूप से किसी अन्य देश में रहता है, तो उस देश के कानून के तहत उसे वापस भेजने की प्रक्रिया अपनाई जाती है।
विपक्ष का हंगामा
एस जयशंकर के बयान के दौरान विपक्षी सदस्य लगातार सदन में हंगामा कर रहे थे, लेकिन विदेश मंत्री ने पूरी प्रक्रिया को स्पष्ट किया और यह बताया कि अवैध प्रवासी भारतीयों को वापस भेजना एक सामान्य और नियमित प्रक्रिया है, जो समय-समय पर चलती रहती है। इस तरह से विदेश मंत्री ने यह संदेश दिया कि अवैध प्रवासियों को वापस भेजने की यह प्रक्रिया किसी भी सरकार के लिए कोई नया या अप्रत्याशित कदम नहीं है।