खेल डेस्क: भारत के जेवलिन थ्रोअर और एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक विजेता डीपी मनु को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने बड़ा झटका दिया है। नाडा ने डोपिंग के मामले में दोषी मानते हुए डीपी मनु पर चार साल का प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। मनु के सैंपल में प्रतिबंधित पदार्थ मेथाइलटेस्टोस्टेरोन पाए जाने के बाद यह सजा सुनाई गई है।
25 वर्षीय डीपी मनु ने 2023 एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था और बुडापोस्ट वर्ल्ड चैंपियनशिप में छठे स्थान पर रहे थे। इसके अलावा, 2024 में बेंगलुरु में आयोजित इंडियन ग्रां प्री-1 में डीपी मनु ने 81.91 मीटर भाला फेंककर प्रतियोगिता जीती थी। लेकिन इसी प्रतियोगिता के दौरान लिए गए उनके सैंपल में डोपिंग की पुष्टि हुई।
डोप टेस्ट और सजा
मनु ने डोप टेस्ट के बाद भी कुछ और प्रतियोगिताओं में भाग लिया था, लेकिन पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए निर्धारित 85.50 मीटर क्वालिफाइंग मार्क को वह पार नहीं कर सके। हालांकि, उनकी वर्ल्ड रैंकिंग के आधार पर ओलंपिक में जगह पाने की उम्मीद थी, लेकिन नाडा ने उन्हें प्रोविजनल सस्पेंड कर दिया था।
24 जून 2024 से प्रभावी होगा प्रतिबंध
नाडा के एंटी डोपिंग डिसिप्लिनरी पैनल की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, डीपी मनु के मामले में अंतिम फैसला 3 मार्च 2024 को सुनाया गया। उनका चार साल का प्रतिबंध 24 जून 2024 से प्रभावी होगा, यानी 24 जून से उनकी सजा शुरू हो जाएगी। डोपिंग के मामले में फेल होने के कारण डीपी मनु का पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने का सपना टूट गया है। उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो 84.35 मीटर है, जो ओलंपिक के लिए क्वालीफाइंग मार्क 84.00 मीटर से सिर्फ थोड़ा ही कम है।