नई दिल्ली। बीआरएस नेता के. कविता को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उन्हें दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में जमानत दे दी। न्यायमूर्ति बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कविता को जमानत देते समय नियमित रूप से मुकदमे की कार्यवाही में उपस्थित रहने और जांच में पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया है। आदेश में कहा गया, ‘‘सीबीआई और ईडी मामलों में 10-10 लाख रुपये के बांड पर जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है। वह सबूतों से छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित करने का कोई प्रयास नहीं करेंगी। पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट में जमा करना होगा।’’
न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन ने कहा कि आदेश का ऑपरेटिव हिस्सा मंगलवार को अपलोड कर दिया जाएगा। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया है कि उसने कविता को जमानत पर रिहा करते समय मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की और जमानत मिलने से मुकदमे पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। इससे पहले शीर्ष अदालत ने कविता की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 27 अगस्त की तारीख तय की थी, जब अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी. राजू ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा था।
सर्वोच्च न्यायालय ने 12 अगस्त को कविता की याचिकाओं की जांच करने पर सहमति जताई थी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) तथा ईडी से अपना जवाब दाखिल करने को कहा था। उस समय कोर्ट ने जांच एजेंसियों का पक्ष सुने बिना कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। कविता को पहले ईडी ने 15 मार्च को उनके हैदराबाद स्थित घर से गिरफ्तार किया था और दिल्ली लाया था और बाद में 11 अप्रैल को सीबीआई ने उन्हें तिहाड़ जेल में बंद रहने के दौरान हिरासत में लिया था।