Weather : राजधानी में खिली धूप, अभी कई दिनों तक गर्मी से मिलेगी राहत, IMD ने कहा- इस साल मानसून में देश में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना

हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरी और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा होने के आसार।


नई दिल्ली। कई दिनों के लुकाछिपी के बाद आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सुबह धूप खिली नजर आई। वहीं मौसम विभाग ने पहले ही भविष्यवाणी कर दी है कि पश्चिमी विक्षोभ के असर से अभी राजधानी में गर्मी से राहत का दौर बना रहेगा। इस पूरे सप्ताह ही अधिकतम तापमान 35 डिग्री से ऊपर जाने की संभावना नहीं है। वहीं, भारत मौसम विभाग (IMD) ने अपने पूर्वानुमान में सोमवार को बताया कि इस साल मानसून के दौरान पूरे देश में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की संभावना है। लेकिन विभाग ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरी और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा होने के आसार हैं।

आईएमडी के महानिदेशक (DG) मृत्युंजय महापात्र ने यहां पत्रकार वार्ता में कहा कि पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून के तहत 1 जून से 30 सितंबर के बीच मानसून ऋतुनिष्ठ वर्षा दीर्घावधि औसत (लॉन्ग पीरियड एवरेज..एलपीए) का 106 फीसदी होने की संभावना है। महापात्र ने कहा कि आईएमडी अपने पूर्वानुमान में अल नीनो, ला नीनो, हिंद महासागर द्विध्रुव स्थितियां और उत्तरी गोलार्ध में बर्फीले आवरण संबंधी स्थिति के प्रभाव पर विचार करता है और यह सभी स्थितियां इस बार भारत में अच्छे मानसून के अनुकूल हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर-पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से ज्यादा वर्षा होने की प्रबल संभावना है।

जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल और उत्तराखंड में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना
आईएमडी प्रमुख ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल और उत्तराखंड में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना दिख रही है। उनके मुताबिक इसी तरह से पूवरेत्तरी राज्योंअसम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के आसपास के इलाकों में भी सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि पूर्वी राज्यों-ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड के कुछ हिस्सों व पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों में भी सामान्य से कम वर्षा होने का अनुमान है। महापात्र ने कहा कि 1971 से 2020 तक के बारिश के आंकड़ों के आधार पर हाल के वर्षों में नया दीर्घावधि औसत पेश किया गया है जिसके तहत एक जून से 30 सितंबर के बीच पूरे देश में औसतन 87 सैंटीमीटर बारिश होती है। उन्होंने कहा कि अगर ऋतुनिष्ठ वर्षा दीर्घावधि औसत की 96 फीसदी से 104 प्रतिशत के बीच होती है तो वह सामान्य मानी जाती है।

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