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Delhi Assembly : 24 फरवरी से शुरू हो रहा दिल्ली विधानसभा सत्र, दोपहर 2 बजे होगा स्पीकर का चुनाव

नेशनल डेस्क : दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के विधायक अरविंदर सिंह लवली को दिल्ली विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। यह नियुक्ति दिल्ली विधानसभा के आगामी सत्र के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रोटेम स्पीकर का मुख्य कार्य नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलवाना और विधानसभा में स्पीकर का चुनाव.

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नेशनल डेस्क : दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के विधायक अरविंदर सिंह लवली को दिल्ली विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। यह नियुक्ति दिल्ली विधानसभा के आगामी सत्र के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रोटेम स्पीकर का मुख्य कार्य नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलवाना और विधानसभा में स्पीकर का चुनाव करवाना होता है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

24 फरवरी को होगा शपथ ग्रहण और स्पीकर चुनाव

  • 24 फरवरी को दिल्ली विधानसभा का सत्र शुरू होगा।
  • सुबह 11 बजे सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी।
  • वहीं, दोपहर 2 बजे विधानसभा में नए स्पीकर का चुनाव किया जाएगा, जो विधानसभा की कार्यवाही और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों की देखरेख करेंगे।

क्या होता है प्रोटेम स्पीकर

आपको बता दें कि प्रोटेम स्पीकर को अस्थायी रूप से नियुक्त किया जाता है और उनका मुख्य कार्य सदन की पहली बैठक में शपथ ग्रहण और स्पीकर का चुनाव करना होता है। इसके बाद स्पीकर के चुनाव के बाद प्रोटेम स्पीकर का कार्यकाल समाप्त हो जाता है। अरविंदर सिंह लवली का यह कार्यभार, दिल्ली विधानसभा के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और नई विधानसभा के कार्यों की शुरुआत के लिए एक अहम कदम होगा।

25 फरवरी को पेश होगा CAG

25 फरवरी को भारतीय नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट पेश की जाएगी। यह रिपोर्ट राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति, बजट खर्चों और अन्य वित्तीय मामलों की जांच और विश्लेषण पर आधारित होगी। CAG रिपोर्ट, जो एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ मानी जाती है, दिल्ली सरकार के विभिन्न वित्तीय निर्णयों और उनके प्रभाव को उजागर करेगी।

क्या है CAG रिपोर्ट का महत्व?

CAG रिपोर्ट का प्रमुख उद्देश्य सरकारी खर्चों और संसाधनों का सही तरीके से उपयोग होने की जांच करना है। यह रिपोर्ट उन सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करती है, जिनमें सरकारी धन का व्यय किया गया होता है। रिपोर्ट में यह भी बताया जाता है कि क्या सरकार के द्वारा किये गए खर्चों का सही तरीके से लेखा-जोखा रखा गया है या नहीं।

दिल्ली विधानसभा में पेश होने के बाद रिपोर्ट का असर

रिपोर्ट पेश होने के बाद इसे विधानसभा में चर्चा के लिए रखा जाएगा, जहां विभिन्न विधायकों द्वारा इसकी समीक्षा की जाएगी। यह रिपोर्ट राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इसके आधार पर वित्तीय नीति और योजनाओं में सुधार किया जा सकता है।

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