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संविधान में संशोधन की आवश्यकता… वन नेशन-वन इलेक्शन पर बोले शिवराज सिंह चौहान

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने "वन नेशन-वन इलेक्शन" (एक देश, एक चुनाव) के मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने कुरूक्षेत्र में आयोजित गीता महोत्सव के दौरान इस विषय पर चर्चा की और इसे देश की प्रगति के लिए जरूरी बताया। 

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नई दिल्ली : हरियाणा के करूक्षेत्र में आयोजित गीता महोत्सव में आज केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए। इस दौरान उनके साथ हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में अपने भाषण के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री ने वन नेशन- वन इलेक्शन के विषय पर चर्चा की। उन्होंन बताया कि एक देश, एक चुनाव देश के विकास के लिए बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं इस खबर को विस्तार से…

चुनावों की बार-बार होने वाली प्रक्रिया से समस्याएं

आपको बता दें कि शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत में पांचों साल विधानसभा और लोकसभा चुनाव होते रहते हैं, जिससे राजनीतिक दलों का ध्यान लगातार चुनावों पर केंद्रित रहता है। उनका कहना था कि चुनावों के लगातार होने से भारत की प्रगति और विकास में बाधा आती है।

समय की बर्बादी और कार्यों में देरी

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक और अधिकारी-कर्मचारी चुनावों में व्यस्त हो जाते हैं। इस कारण उनका कीमती समय बर्बाद होता है और देश-प्रदेश में विकास और जनकल्याण के काम पिछड़ जाते हैं। यह स्थिति देश के विकास के लिए हानिकारक है।

खर्च और संसाधनों की बर्बादी

उन्होंने यह भी बताया कि चुनावों की बार-बार प्रक्रिया के कारण चुनाव आयोग और राजनीतिक दलों को भारी खर्च उठाना पड़ता है। इससे देश के संसाधनों की बर्बादी होती है, जो कि विकास कार्यों में लगने की बजाय चुनावों पर खर्च हो जाते हैं।

संविधान में संशोधन की जरूरत

शिवराज सिंह चौहान ने संविधान में संशोधन की आवश्यकता की बात की ताकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हो सकें। इस तरह से चुनावों का माहौल शांत होगा और सरकारों को अपने कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने का समय मिलेगा।

जनजागरण का आह्वान

केंद्रीय कृषि मंत्री ने “वन नेशन-वन इलेक्शन” के लिए जनजागरण की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका कहना था कि इस मुद्दे पर लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए ताकि देश की राजनीतिक प्रक्रिया को और अधिक व्यवस्थित और प्रभावी बनाया जा सके।

शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि “वन नेशन-वन इलेक्शन” से भारत में चुनावों की प्रक्रिया को व्यवस्थित किया जा सकता है, जिससे राजनीतिक दलों, सरकारी अधिकारियों और जनता का समय बच सके और देश के विकास कार्यों में कोई रुकावट न आए। यह व्यवस्था देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

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