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होली पर पुलिसकर्मी की 27 साल पुरानी तकलीफ, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही Video

नेशनल डेस्क : पूरे देश में होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। हर कोई अपने परिवार और दोस्तों के साथ इस खुशी के मौके को सेलिब्रेट करता है। लेकिन, यह खुशकिस्मती हर किसी को नहीं मिल पाती। कई लोग अपने काम या अन्य कारणों से अपने परिवार से दूर रहते हैं। खासकर.

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नेशनल डेस्क : पूरे देश में होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। हर कोई अपने परिवार और दोस्तों के साथ इस खुशी के मौके को सेलिब्रेट करता है। लेकिन, यह खुशकिस्मती हर किसी को नहीं मिल पाती। कई लोग अपने काम या अन्य कारणों से अपने परिवार से दूर रहते हैं। खासकर वे लोग जो नौकरी के चलते घर से दूर रहते हैं, उन्हें त्योहारों पर परिवार से दूर रहकर ही त्योहार मनाने पड़ते हैं। आज कुछ इसी तरह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें एक पुलिसकर्मी यह कहते हुए देखा जा सकता है कि उसने अपने परिवार  के साथ पिछले 27 सालों से होली नहीं मनाई है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

संजीव कुमार सिंह का दर्द

इस बार होली के अवसर पर सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक पुलिसकर्मी संजीव कुमार सिंह यह बताते हुए दिखते हैं कि उन्होंने पिछले 27 सालों से अपने परिवार के साथ होली नहीं मनाई। संजीव कुमार सिंह की यह कहानी दिल को छू लेने वाली है, जिसमें वे अपने व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करते हैं।

वीडियो में पुलिसकर्मी की बातें

संजीव कुमार सिंह ने इस वायरल वीडियो में अपनी भावनाओं को साझा करते हुए कहा, “आज मेरा मन बहुत विचलित है क्योंकि मेरी नौकरी में 27 साल पूरे हो गए हैं। इन 27 सालों में कभी भी होली को अपने घर पर नहीं मनाया। इस बार मुझे उम्मीद थी कि महाकुंभ ड्यूटी के दौरान मैं घर जा पाऊंगा और अपने परिवार के साथ होली मना सकूंगा।”

वह आगे कहते हैं, “लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। पिछले साल मेरी मां का देहांत हो गया था और उनकी मृत्यु के बाद यह पहली होली है। मुझे उम्मीद थी कि महाकुंभ ड्यूटी के दौरान घर पहुंच जाऊं, लेकिन परिस्थितियां ऐसी बनीं कि मैं हरदोई (अपने घर) नहीं पहुंच पा रहा हूं। जबकि मेरे परिवार के सदस्य घर पहुंच रहे हैं, मैं किसी कारणवश नहीं जा पा रहा हूं।”

नौकरी और परिवार से दूर रहने की तकलीफ

संजीव कुमार सिंह ने यह भी बताया कि उन्होंने अपने परिवार को हरदोई आने का निमंत्रण दिया था, लेकिन फिर भी वह खुद वहां नहीं पहुंच पाए। वह कहते हैं, “अब मेरी हिम्मत नहीं हो रही है कि मैं उनसे कहूं कि मैं नहीं आ रहा हूं। लेकिन यह नौकरी का हिस्सा है, हमें अपनी जिम्मेदारियों को निभाना पड़ता है।”

सोशल मीडिया पर वायरल और लोगों का समर्थन

यह वीडियो सोशल मीडिया पर @dbabuadvocate नामक अकाउंट से शेयर किया गया, जिसे एडवोकेट दीपक बाबू ने पोस्ट किया था। उन्होंने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि यह पुलिसकर्मी की सच्चाई है, जो हर किसी के दिल को छू रही है। इस वीडियो को देखकर लोग संजीव कुमार सिंह के संघर्ष और त्याग को सलाम कर रहे हैं, क्योंकि उनका काम परिवार से बढ़कर देश की सेवा है।

समर्पण की भावना और काम का महत्व

संजीव कुमार सिंह की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें अपने काम के प्रति समर्पण और कर्तव्यों की अहमियत को समझना चाहिए। खासकर उन लोगों के लिए जो अपने परिवार से दूर रहकर देश की सेवा करते हैं। पुलिसकर्मी जैसे संजीव कुमार सिंह न केवल अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं, बल्कि अपने व्यक्तिगत सुखों को भी त्यागते हैं ताकि हम सब सुरक्षित और खुशहाल जीवन जी सकें।

इस कहानी के जरिए हमें यह अहसास होता है कि कभी-कभी हमें अपनी खुशियों को कुछ बड़े मकसद के लिए छोड़ना पड़ता है और यह sacrifice हमें अपने देश की सेवा में भी दिखता है।

 

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